Jasmine Plant Care Tips: सर्दियों में चमेली की देखभाल का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है उसे पर्याप्त धूप देना. चमेली गर्म और नमी वाले मौसम की पौधा है, इसलिए ठंड के दौरान जब सूरज की रोशनी कम होती है, तब 5-6 घंटे सीधी धूप पौधे को देना आवश्यक है. यदि आपके घर की बालकनी में पर्याप्त धूप नहीं आती है, तो सप्ताह में 2-3 बार पौधे को ऐसे स्थान पर शिफ्ट करें जहाँ प्रत्यक्ष सूरी किरणें मिलें. इससे पौधे की वृद्धि बनी रहती है और कलियों का विकास भी होता है.
पानी दें सही समय पर
ठंड के मौसम में मिट्टी देर से सूखती है, इसलिए पौधे को बार-बार पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं और पौधा कमजोर हो सकता है. ऐसे में पानी तभी दें जब मिट्टी ऊपर से पूरी तरह से सूख जाए. पानी गुनगुना रखें ताकि जड़ें सक्रिय रहें और पौधे की ग्रोथ में तेजी आए. सर्दियों में ज्यादा पानी देना पौधे को नुकसान पहुँचा सकता है, इसलिए सावधान रहें.
घर पर तैयार करें लिक्विड खाद – प्राकृतिक उर्वरक
सर्दियों में चमेली को फूल देने के लिए बाजारू उर्वरकों की जगह घर पर तैयार किया गया लिक्विड खाद बहुत फायदेमंद साबित होता है. यह खाद पौधे की जड़ों को पोषक तत्व, पोटैशियम, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और स्टार्च प्रदान करता है जिससे फूलों की कलियाँ बनने में सहायता मिलती है. इसे बनाने के लिए 4-5 केले के छिलके छोटे टुकड़ों में काटकर एक बोतल में डालें, फिर एक चम्मच गुड़ मिलाएं और ऊपर से चावल धोने वाला पानी (स्टार्च-युक्त) भर दें. बोतल को 48 घंटे के लिए थोड़ा खुला रखें. तैयार खाद को हर 10 दिन में एक कप मात्रा में पौधे की जड़ों के पास डालें. इससे पौधा जल्दी सक्रिय होता है और फूलों की संख्या बढ़ती है.
प्रूनिंग – पुराने हिस्सों को हटाएँ
सर्दियों में चमेली का पौधा अक्सर सूखी टहनियों और काली पत्तियों से भर जाता है, जिससे वह कमजोर दिखता है. ऐसे में प्रूनिंग, यानी सूखे और कड़े हिस्सों को काटना, आवश्यक है. प्रूनिंग के बाद पौधे को फिर से धूप में रखें और हल्का पानी दें. कुछ ही दिनों में नई हरी पत्तियाँ दिखने लगेंगी और दो-तीन हफ्तों में कलियाँ आना शुरू हो जाएँगी.
सर्दियों में चमेली के पौधे को स्वस्थ और फूलों से भरा रखना मुश्किल नहीं है — बस सही धूप, संतुलित पानी, प्राकृतिक खाद और समय-समय पर प्रूनिंग से यह सम्भव है. सही देखभाल से आपका चमेली का पौधा सर्दियों में भी सुगंधित फूलों से लद सकता है, जिससे न केवल आपके घर की शोभा बढ़ेगी बल्कि बागवानी का आनंद भी दोगुना होगा.










