BlueBird Block‑2 की शुरुआती कवरेज दो स्तर पर समझी जा सकती है—तकनीकी रूप से यह सबसे पहले दुनिया के बेहद दुर्गम इलाकों को सिग्नल पहुंचाने में सक्षम होगा, लेकिन AST Space Mobile की कॉमर्शियल योजना के लिहाज से शुरुआती फोकस लगभग पूरे अमेरिका पर “नियर‑सैचुरेशन” कवरेज पर है।
भूगोल के हिसाब से कौन‑कौन से इलाके?
BlueBird Block‑2 का 223 वर्ग मीटर का विशाल फेज़्ड‑अरे एंटेना हिमालय, रेगिस्तान, महासागर, घने जंगल और आपदा प्रभावित क्षेत्रों जैसे उन इलाकों तक मोबाइल सेवा पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है जहां ज़मीनी टावर नहीं पहुंच पाते।
मिशन ब्रीफिंग में साफ कहा गया है कि यह सैटलाइट “Himalayas, oceans and deserts” जैसे रिमोट रीजन में भी साधारण स्मार्टफोन तक कवरेज देने में सक्षम होगा।
कॉमर्शियल रूप से पहली प्रायोरिटी कहाँ?
AST SpaceMobile की ऑफिशियल योजना के मुताबिक BlueBird और अगली Block‑2 कॉन्स्टेलेशन का शुरुआती लक्ष्य “लगभग 100% US nationwide coverage from space” हासिल करना है, यानी सबसे पहले पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका के शहरों, गांवों, हाईवे, ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।
कंपनी ने US में लो‑बैंड और 45 MHz मिड‑बैंड स्पेक्ट्रम के लिए दीर्घकालिक समझौते किए हैं, ताकि अमेरिका में डायरेक्ट‑टू‑डिवाइस सैटलाइट मोबाइल सर्विस को स्थायी और हाई‑स्पीड तरीके से चलाया जा सके।
उसके बाद किस तरह ग्लोबल रोलआउट?
शुरुआती अमेरिकी कवरेज के बाद अगले चरण में “select markets globally” को टारगेट किया जाएगा—इनमें खास तौर पर वे देश और रीजन होंगे जहां ग्रामीण/दूरदराज इलाकों में मोबाइल कवरेज गैप बहुत ज्यादा है।
कंपनी की सार्वजनिक रणनीति में स्पष्ट है कि Block‑2 सैटलाइट्स, Block‑1 की तुलना में 10 गुना ज़्यादा बैंडविड्थ देंगे और 24/7 continuous cellular broadband coverage के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए पहले US, फिर बाकी रीजन को जोड़ा जाएगा।



