New Airlines in Indian Aviation:पिछले अनुभवों से सबक लेते हुए सरकार ने अब हवाई यात्रियों को ज्यादा विकल्प देने की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। इसी कड़ी में इस हफ्ते नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दो नई एयरलाइनों को ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ यानी NOC जारी किया है। सरकार का मानना है कि भारत जैसे बड़े और तेजी से बढ़ते बाजार में कम से कम पांच बड़ी एयरलाइनों के लिए पर्याप्त जगह है। फिलहाल देश के एविएशन बाजार में इंडिगो और एयर इंडिया का दबदबा बना हुआ है।
यूनियन एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि बीते एक हफ्ते में उन्होंने कई नई एयरलाइन कंपनियों की टीमों से मुलाकात की है। ये कंपनियां जल्द ही भारतीय आसमान में उड़ान भरने की तैयारी कर रही हैं। इनमें शंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाई एक्सप्रेस के नाम शामिल हैं।
किन एयरलाइनों को मिली मंजूरी
सरकारी जानकारी के मुताबिक, शंख एयर को पहले ही NOC दिया जा चुका था। वहीं, इस हफ्ते अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को भी मंजूरी मिल गई है। सरकार की कोशिश है कि एविएशन सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा कंपनियां आएं, ताकि प्रतिस्पर्धा बढ़े और यात्रियों को बेहतर सेवाएं और किफायती किराए मिल सकें।
भारत इस समय दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते एविएशन बाजारों में से एक है। उड़ान जैसी सरकारी योजनाओं ने स्टार एयर, इंडिया वन एयर और फ्लाई91 जैसी छोटी एयरलाइनों को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत करने में मदद की है। छोटे शहरों और कस्बों को हवाई नेटवर्क से जोड़ने में इन कंपनियों की भूमिका अहम रही है और आगे भी इसमें काफी संभावनाएं हैं।
ऑपरेटिंग कॉस्ट बनी बड़ी चुनौती
हालांकि, एविएशन इंडस्ट्री का मानना है कि भारत में एयरलाइनों के लिए ऑपरेटिंग कॉस्ट दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसकी सबसे बड़ी वजह जेट फ्यूल की ऊंची कीमतें और उस पर लगने वाले भारी टैक्स हैं। यही कारण है कि कई एयरलाइनों को लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल हो जाता है।
एक एविएशन एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय एविएशन सिस्टम में एयरलाइनों को छोड़कर लगभग सभी हितधारक मुनाफा कमा रहे हैं। पिछले तीन दशकों में कई एयरलाइनों का बंद होना इसी का नतीजा है। उनका कहना है कि नई एयरलाइन शुरू करना तो आसान है, लेकिन उसे लंबे समय तक सफलतापूर्वक चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण है। इसकी वजह ऊंची लागत, टैक्स का बोझ, सही प्रबंधन की कमी और फंडिंग की दिक्कतें हैं।
हवाई यात्रा अब लग्जरी नहीं
सीनियर एयरलाइन अधिकारियों का मानना है कि हवाई यात्रा अब सिर्फ अमीरों की सुविधा नहीं रह गई है। आम लोग भी बड़ी संख्या में फ्लाइट से सफर कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार लागत और टैक्स को तर्कसंगत बनाए, ताकि एयरलाइनों को राहत मिले और यात्रियों को सस्ता और बेहतर सफर मिल सके।



