टीवी एक्ट्रेस शिल्पा शिंदे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपनी निजी और पेशेवर जिंदगी को लेकर खुलकर बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि मुंबई में उनके पास कोई स्थायी घर या प्रॉपर्टी नहीं है। शो भाभीजी घर पर हैं 2.0 के लिए लगातार शूटिंग के चलते उन्होंने मुंबई लौटना तो पड़ा, लेकिन शहर की तेज-तर्रार जिंदगी को अपनाना उनके लिए आसान नहीं रहा।
मुंबई में जन्म और परवरिश के बावजूद, शिल्पा ने स्वीकार किया कि शहर की भीड़, शोर और लगातार भाग-दौड़ उन्हें अक्सर घुटन जैसा अनुभव कराती है, खासकर जब वह पिछले समय में कर्जत में अपने शांत और सादी जीवन से जुड़ी हुई थीं।
कर्जत की शांति और मुंबई की भाग-दौड़
शिल्पा शिंदे ने बताया कि कर्जत में बिताया गया समय उनके लिए बेहद सुकून भरा रहा, जहां उन्होंने खेती-खलिहान और साधारण जीवन का आनंद लिया। लंबे समय तक कर्जत में जीवन जीने के बाद मुंबई लौटकर समाज और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। मुंबई में प्रचार और शूटिंग के बीच उन्हें अक्सर शहर की तेज़-तर्रार जिंदगी से घुटन महसूस होती है और वह कर्जत की शांतिपूर्ण जीवनशैली को याद करती हैं।
मुंबई में रहन-सहन की स्थिति
शिल्पा ने यह भी खुलासा किया कि वर्तमान समय में उनके पास मुंबई में खुद की कोई प्रॉपर्टी नहीं है, इसलिए वह शूटिंग की ज़रूरतों के हिसाब से होटल या किराए के घर में रह रही हैं। यह उनके लिए मनोवैज्ञानिक और व्यावसायिक दोनों ही रूप से एक बड़ा बदलाव रहा है, क्योंकि मुंबई की तेज जिंदगी से तालमेल बैठाना आसान नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह फिलहाल दो अलग-अलग जीवनशैलियों — कर्जत की शांति और मुंबई की भाग-दौड़ — को एक साथ नहीं जीना चाहतीं और सही संतुलन बनाने की कोशिश कर रही हैं।
करियर और शो में वापसी का अनुभव
यह वापसी खास इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि शिल्पा शिंदे भाभीजी घर पर हैं के लिए 10 साल बाद वापस आ रही हैं। इस फैसले के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें शो से जुड़ने का न्योता मिला, और उन्होंने तुरंत हां कह दी। हालांकि पेशेवर रूप से यह निर्णय सही लगता है, व्यक्तिगत जीवन में संतुलन बनाने की चुनौती अभी भी जारी है।
मुंबई के सेट पर काम करते हुए शिल्पा ने यह भी माना कि उन्हें फैंस से मिलने और काम का आनंद लेने में खुशी मिलती है, लेकिन आत्मिक रूप से वह अभी भी शांति की तलाश में हैं।
शिल्पा शिंदे का यह बयान केवल एक सेलिब्रिटी का अनुभव नहीं है, बल्कि आज के तेज-तर्रार शहरी जीवन और साधारण, शांत जीवन के बीच के अंतर को भी दर्शाता है। मुंबई में किसी स्थायी घर के बिना रहने की उनकी स्थिति इस बात को उजागर करती है कि भले ही शहर में सफलता की चमक हो, लेकिन शांति और संतुलन हमेशा मायने रखते हैं।










