एंजेल चकमा हत्याकांड की जांच में देहरादून पुलिस ने साफ कर दिया है कि घटना नस्लीय दुर्व्यवहार से जुड़ी नहीं है। SSP अजय अजय सिंह ने कहा कि CCTV फुटेज, गवाह बयान और FIR से ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला। विवाद जन्मदिन पार्टी के दौरान शराबी झगड़े से शुरू हुआ था।
घटना का पूरा विवरण
24 वर्षीय त्रिपुरा निवासी एमबीए छात्र एंजेल चकमा की 9 दिसंबर को देहरादून के सेलाकुई इलाके में चाकू, रॉड और ब्रास नकल्स से हत्या कर दी गई। उनके भाई माइकल चकमा भी घायल हुए। एंजेल ने 17 दिनों के इलाज के बाद 26 दिसंबर को दम तोड़ा। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से नस्लीय हमले की अफवाह फैली।
पुलिस का आधिकारिक बयान
SSP अजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
CCTV और गवाहों से पुष्टि हुई कि विवाद सूरज खावास (मणिपुर) के जन्मदिन पर कैंटीन में हुआ।
कोई नस्लीय टिप्पणी (“चीनी” आदि) का रिकॉर्ड नहीं।
5 आरोपी गिरफ्तार, 2 नाबालिग जुवेनाइल होम में; मुख्य आरोपी यक्षराज (नेपाल) फरार।
सोशल मीडिया अफवाहों पर सफाई
पुलिस ने कहा कि वायरल वीडियो और दावे भ्रामक हैं। एंजेल के पिता तरुण चकमा ने भी कहा कि बेटे ने कभी नस्लीय टिप्पणी का जिक्र नहीं किया। त्रिपुरा CM माणिक साहा ने फरार आरोपी पर ₹25,000 इनाम घोषित किया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस सांसद प्रदीप्टा बोरडोलोई ने “कवर-अप” का आरोप लगाया। कपिल सिबल ने नफरत के खिलाफ बोलने को कहा। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने पुलिस लापरवाही पर सवाल उठाए। उत्तराखंड CM पुष्कर सिंह धामी ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जांच की स्थिति
हत्या का केस दर्ज, फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार। नेपाल में यक्षराज की तलाश तेज। त्रिपुरा सरकार ने उत्तराखंड से सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।



