PAN Verification Complete: आयकर विभाग द्वारा कराए गए एक विशेष सर्वे में संपत्ति खरीद-बिक्री से जुड़े मामलों में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। पंजीकरण कार्यालयों में दर्ज संपत्तियों के पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) की जांच पूरी कर ली गई है। इस जांच में करीब 2500 करोड़ रुपये की संपत्तियों से जुड़े पैन का सत्यापन किया गया, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
449 मामलों की जांच, 188 पैन में खामी
जानकारी के मुताबिक, कुल 449 संपत्ति मामलों की जांच की गई। इनमें से 188 मामलों में पैन से जुड़ी गड़बड़ियां पाई गईं। कहीं पैन नंबर गलत दर्ज था, तो कहीं अक्षरों या अंकों में त्रुटि मिली। कुछ मामलों में ऐसा भी पाया गया कि पैन जानबूझकर गलत भरा गया हो सकता है, ताकि टैक्स से बचा जा सके।
उप निबंधक कार्यालय स्तर पर हुई जांच
यह पूरी जांच उप निबंधक कार्यालय स्तर पर की गई। सोमवार को पंजीकरण कार्यालय में दर्ज पैन की क्रॉस चेकिंग प्रक्रिया पूरी हुई। आयकर विभाग की टीम ने यह जानने की कोशिश की कि ये गलतियां सिर्फ तकनीकी हैं या फिर इसके पीछे टैक्स चोरी की मंशा है।
2024-25 में 236 संपत्तियों की विशेष पड़ताल
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 236 संपत्तियों की खरीद-बिक्री में लगे पैन की अलग से जांच की गई। इस दौरान 96 मामलों में पैन से जुड़ी गड़बड़ी सामने आई। कहीं पैन की स्पेलिंग गलत थी, तो कहीं नंबरों में गलती पाई गई। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि खरीदार और विक्रेता की पहचान सही पाई गई है।
आयकर विभाग को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
उप निबंधक कार्यालय की ओर से जांच रिपोर्ट तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दी गई है। रिपोर्ट का एक बार फिर मिलान करने के बाद इसे आयकर विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद आयकर विभाग तय करेगा कि पैन में पाई गई गड़बड़ियां जानबूझकर की गई हैं या फिर अनजाने में हुई हैं।
जानबूझकर गड़बड़ी पर होगी सख्त कार्रवाई
आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच में यह साबित होता है कि पैन में गलत जानकारी जानबूझकर दी गई है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ आयकर अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना और अन्य कानूनी कदम शामिल हो सकते हैं।
भविष्य में सख्त होगा पैन सत्यापन
इस मामले के सामने आने के बाद पंजीकरण कार्यालय और आयकर विभाग दोनों सतर्क हो गए हैं। भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोकने के लिए पैन सत्यापन प्रक्रिया को और मजबूत बनाने की तैयारी की जा रही है, ताकि संपत्ति सौदों में टैक्स चोरी पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।










