नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के घर में एक शख्स ने घुसपैठ की कोशिश हुई है. मिली जानकारी के मुताबिक, शख्स ने सुबह करीब 7 बजकर 45 मिनट पर कार लेकर अजीत डोभाल (Ajit Doval) की कोठी में घुसने की कोशिश की थी. लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने सही वक्त पर उस शख्स को रोककर हिरासत में ले लिया. शुरुआती जांच में शख्स मानसिक रूप से परेशान लग रहा है. फिलहाल पूछताछ जारी है।
पुलिस के मुताबिक, पकड़े जाने के बाद शख्स कुछ बड़बड़ा भी रहा था. वह कह रहा था कि उसकी बॉडी में किसी ने चिप लगा दिया है और उसे रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है. हालांकि, जांच में उसकी बॉडी से कोई चिप नहीं मिला है।
हिरासत में लिया गया शख्स कर्नाटक के बेंगलुरु का रहने वाला है. उसका नाम शांतनु रेड्डी बताया गया है. वह नोएडा से रेड कलर की SUV कार किराए पर लेकर डोभाल के घर पहुंचा था. कार को अंदर घुसाने की कोशिश के दौरान ही रेड्डी को पकड़ लिया गया. फिलहाल पुलिस यह जानना चाहती है कि वहां आने के पीछे रेड्डी का मकसद क्या था। NSA अजीत डोभाल की सुरक्षा CISF करती है. उनको गृह मंत्रालय की तरफ से Z+ कैटेगिरी की सुरक्षा मिली हुई है।
जेड प्लस सिक्योरिटी में क्या होता है?
हर एक VVIP जिसको Z प्लस कैटेगिरी की सुरक्षा दी जाती है, उनके चारों तरफ कड़ा सुरक्षा पहरा होता है. इसमें 58 कमांडों शामिल होते हैं. इसमें 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड, 6 PSO, 24 जवान, 5 वाचर्स (दो शिफ्ट में) शामिल होते हैं।
आतंकियों के निशाने पर रहते हैं भारत के ‘जेम्स बॉन्ड‘
भारत के जेम्स बॉन्ड कहे जाने वाले अजीत डोभाल पाकिस्तान और चीन की आंखों की किरकिरी बने रहते हैं. डोभाल कई आतंकी संगठनों के निशाने पर भी हैं. पिछले साल फरवरी में जैश के आतंकी के पास से डोभाल के दफ्तर के रेकी का वीडियो मिला था. इस वीडियो को आतंकी ने पाकिस्तानी हैंडलर को भेजा था. इसके बाद डोभाल की सुरक्षा को और ज्यादा बढ़ा दिया गया था।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजीत डोभाल केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. 1972 में वह भारत की खुफिया एजेंसी आईबी से जुड़े थे. खुफिया एजेंट बनकर डोभाल ने कई कारनामों को अंजाम दिया है. कहा जाता है कि वह जासूस बनकर करीब सात साल तक पाकिस्तान में भी रहे थे. ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ , ‘ऑपरेशन ब्लू थंडर’ में भी उनकी भूमिका अहम थी. वहीं 1999 में जब विमान हाईजैक हुआ था, तब उनको सरकार की तरफ से मुख्य वार्ताकार बनाया गया था।
14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से बदला लेने का प्लान बनाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएसए अजीत डोभाल को ही दी थी. इसके बाद 26 फरवरी, 2019 को रात के तकरीबन तीन बजे भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) को पार करके बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।