नई दिल्ली: यूक्रेन में लगातार दूसरे दिन बमबारी की आवाज़ें वहां के लोगो में डर का माहौल पैदा कर रही है। सूत्रों के अनुसार अब तक इस जंग में 140 लोग मारे जा चुके हैं और 350 से ज्यादा लोग घायल हैं। अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने अब तक यूक्रेन पर कुल 203 हमले किए हैं। जिस तरीके से रूस ने यूक्रेन में तबाही मचाई है उस बात से पूरा देश चिंतित है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका व नाटो देश से ये उम्मीद जताई थी कि रूस के साथ जंग में वो उनकी मदद करेंगे। एक तरफ जहां पहले अमेरिका ने यूक्रेन को आश्वासन दिया था की वह यूक्रेन के हर कदम पर उनके साथ है, वही अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन में अमेरिकी सेना भेजने से इनकार कर दिया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा है की पूरी दुनिया ने उन्हें जंग लड़ने के लिए अकेला छोड़ दिया है। सूत्रों के मुताबिक़ जेलेंस्की ने यह भी कहा है की रूसी सेना का पहला टारगेट स्वयं वह खुद है और दूसरा उनके परिजन है।
वलोडिमिर जेलेंस्की ने राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए हमले के पहले दिन एक वीडियो में कहा कि, ‘हमें अपने राज्य की रक्षा के लिए अकेला छोड़ दिया गया है।’ यूक्रेन अब अपने दम पर रूस के साथ जंग लड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे साथ लड़ने के लिए कौन तैयार है? मुझे कोई नहीं दिख रहा है। यूक्रेन को नाटो सदस्यता की गारंटी देने के लिए कौन तैयार है? हर कोई डरता है।’
जितने भी सैन्य अधिकारी शहीद हुए है उनके लिए शोक जताते हुए राष्ट्रपति ने कहा ” जमीनी द्वीप की रक्षा करते हुए बॉर्डर पर तैनात यूक्रेनी सेना ने अपनी वीरता का परिचय दिया। वे शहीद हो गए, लेकिन उन्होंने रूसी सेना के आगे सरेंडर नहीं किया। दुर्भाग्य से, आज हमने अपने 137 नायकों समेत 10 सैन्य अधिकारियों को भी खो दिया। उन सभी को मरणोपरांत यूक्रेन के हीरो की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।”
(उज्ज्वल चौधरी)