मुंबई: आलिया भट्ट की आज रिलीज़ हुई नयी फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ इस समय लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस फिल्म में आलिया भट्ट गंगूबाई का किरदार निभा रही है। फिल्म मशहूर लेखक संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित है, जो कि आज रिलीज हो गयी है। आलिया की ये फिल्म लेखक हुसैन जैदी की पुस्तक ‘माफिया क्वींस ऑफ मुंबई’ के एक अध्याय पर आधारित है।
इस फिल्म में महिलाओं की परिस्थितियों का मार्मिक चित्रण किया गया है। इस पुस्तक में गंगूबाई का जीवन ‘द मैट्रिआर्क ऑफ कमाठीपुरा’ नामक अध्याय में विस्तृत रूप से पेश किया गया है। लेखक के मुताबिक , गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास था और वो गुजरात की रहने वाली थीं। गंगा का जन्म गुजरात के एक संपन्न परिवार में हुआ था। अच्छे परिवार में जन्मी गंगा को शुरू से ही बड़ा ही दुलार में रखा गया था उनका परिवार पारम्परिक होने के कारण उनके साथ काफी सख्त रवैया अपनाता था। दूसरी ओर उनके परिवार वाले गंगा को पढ़ाई को लेकर
काफी मदद करते थे , जबकि 1940 लड़कियों की पढ़ाई को लेकर लोग उतना सजग नहीं हुआ करते थे। बात करें गंगा की तो उनका मन पढ़ाई से उलट चकाचौंध की दुनिया में लगता है और वो बड़े होकर हीरोइन बनना चाहती थीं।
कॉलेज के दिनों में उनको रमणीक लाल नामक लड़के से प्यार हो जाता है , उनका प्यार इतना गहरा हो गया कि बात शादी तक जा पहुंची। मां बाप की बिना इज़ाज़त के शादी करना गंगा के लिए कांटों की राहों पर चलने जैसा था। हालातों से लड़ते हुए उन्होंने उस लड़के से घर से भागकर शादी कर वो भी रूपए गहने और कुछ नकदी लेकर वो अपने पति के साथ भाग गयीं।
उनके पति ने गंगा को पहले से ये बता रखा था कि वह शादी के बाद माया नगरी मुंबई में रहेगा। जो कि गंगा का रमणीक लाल से आकर्षण का विशेष कारण था लेकिन कुछ समय बाद उस लड़के ने गंगा के प्यार के अरमानों पर पानी फेर दिया और गंगा को उसी के हाल पर छोड़ बाजारू महिला बनाकर मात्र 500 रूपए में एक वैश्याखाने में बेच दिया। पैसे के लालच में आकर गंगा पूरी तरह से इस दलदल में तरह फंस गयीं। अब यहां से उनको वापस निकलाना एक जटिल समस्या के रूप में सामने आया। अब गंगा घर की ओर भी कदम नहीं बढ़ा सकती थी क्योंकि उनको घर वालों की इज़्ज़त की भी चिंता थी। अगर आप आगे की कहानी जानना चाहते है तो ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ रिलीज हो गयी है और आप इसे सिनेमा हॉल में जाकर देख सकते हैं
निशांत दीक्षित