Eid-ul-Fitr 2022: आज यानी 3 मई को पूरे देश भर में ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जा रहा है. इस त्यौहार को सभी लोग बड़ी ही धूमधाम से मना रहे है. मुस्लिम समुदाय के लिए ये खासकर बड़ा दिन है. ईद उल-फितर को मीठी ईद भी कहते हैं।
2 मई की रात को चांद दिखने के बाद से ही ईद का जश्न शुरू हो चुका है. मुस्लिमों को 30 दिन के रोजे रखने के बाद ईद मनाने का बेसब्री से इंतजार रहता है.
आज के दिन लोग घरों में सेवईं या फिर खीर समेत कई बेहतरीन पकवान पकते हैं और एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारक देते हैं. तस्वीरों में देखते हैं कि भारत समेत पूरी दुनिया में किस तरह ईद की नमाज अदा की गई. इस खास दिन पर देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों को ट्विटर पर पोस्ट कर बधाई भी दी है.
ईद-उल-फितर का महत्व (Eid-ul-Fitr Importance)
मुस्लिम समुदाय के लिए ईद का पर्व काफी खास होता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, रमज़ान नौवां महीना होता है जिसमें रोजा रखे जाते हैं। वहीं दसवें महीने में शव्वाल होता है। शव्वाल का अर्थ है उपवास तोड़ने का पर्व। इसी कारण इस साल शव्वाल माह के शुरू होने के साथ ही ईद का पर्व मनाया जाएगा।
इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग सुबह के समय नमाज अदा करते हैं इसके बाद खजूर खाते हैं और एक-दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। इसके साथ ही आज मीठी सेवइयां के साथ विभिन्न तरह के पकवान बनाए जाते हैं। मान्यता है कि आज के दिन जकात यानी दान देना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि अपनी कमाई का कुछ हिस्सा दान देने से कई गुना अधिक सवाब मिलता है।
कैसे और कब हुई ईद उल फितर की शुरुआत
मान्यता है कि ईद की शुरुआत तब हुई जब पैगंबर मोहम्मद मक्का से मदीना आए थे। मोहम्मद साहब ने कुरान में दो पवित्र दिनों में ईद-उल-फितर निर्धारित किया। इसी कारण साल में दो बार ईद का पर्व मनाया जाता है। जिसमें पहली ईद-उल-फितर (मीठी ईद) के नाम से जाना जाता है और दूसरी को ईद-उल-अज़हा (बकरीद) के नाम से जाना जाता है। इस बार बकरीद का पर्व 9 जुलाई को पड़ सकता है।
माना जाता है कि इस दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने बद्र के युद्ध में विजय प्राप्त की थी। इसी जीत की शुखी में हर साल ईद के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता 624 ई में पहली बार ईद उल फितर मनाया गया।
(BY:Vanshika Singh)