Kaal Sarp Dosh: कालसर्प दोष के बारे में कहा जाता है, जिस व्यक्ति को ये जकड़ लेता है उसका जीवन संघर्षों से भर देता है, फलों में कमी लता है. सदैव कोई न कोई परेशानी बनी ही रहती है.
माना जाता है कि कुंडली में यदि कालसर्प दोष है तो इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है. ये पाप ग्रह राहु और केतु से बनता है. जब सभी ग्रह इन दोनों ग्रहों के बीच में आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का योग बनता है.ज्योतिष शास्त्र में 12 प्रकार के कालसर्प दोष बताए गए हैं-
अनंत कालसर्प दोष
कुलिक कालसर्प दोष
वासुकि कालसर्प दोष
शंखपाल कालसर्प दोष
पदम कालसर्प दोष
महापदम कालसर्प दोष
तक्षक कालसर्प दोष
ककरोट कालसर्प दोष
शंखचूड़ कालसर्प योग
घातक कालसर्प योग
विषधर कालसर्प योग
शेषनाग कालसर्प योग
कालसर्प दोष के लक्षण और उपाय
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो उसका पता आसानी से लगाया जा सकता है. पता लगने के बाद इसका तुरंत उपाय करना चाहिए.
शिक्षा में रूकावट
जॉब न मिलना
बिजनेस में परिश्रम के बाद भी हानि होना
माता-पिता और घर बड़ों से संबंध खराब रहना
गलत लोगों से मित्रता
सदैव मन में नकारात्मक विचार आना
स्वयं को असफल समझना
आत्महत्या करने का विचार आना
दांपत्य जीवन में कलह और तनाव का रहना
संतान उत्पत्ति में बाधा
प्रेम संबंधों में बाधा और परेशानी
कालसर्प दोष निवारण
कुंडली में इसका पता चलने के बाद इसका उपाय करना बहुत जरूरी बताया गया है. भगवान शिव की पूजा करने से इस दोष का प्रभाव कम होता है. इस दोष से बचने के लिए सावन के प्रत्येक सोमवार में भगवान शिव का अभिषेक करें और इस मंत्र का जाप करें-
ओम नम: शिवाय’
ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्’ \