Aligarh: डीजे कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ भाजपा नेता विनय सहित तीन लोगों को हत्या के मामले में दोषमुक्त किया है , लगभग ढाई साल से विनय एटा की जेल में बंद था.
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बवाल के दौरान हुई तारीक की हत्या में तीनों लोगों पर हुआ था मुकदमा का दर्ज, तारिक ने मौत से पहले दिए बयान में तीनों लोगों पर लगाया था आरोप, दोषमुक्त होने के बाद परिवार के लोगों में खुशी की लहर, सिविल लाइन थाना इलाके का मामला।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना इलाके के ऊपरकोट पर 24 मार्च 2020 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर के विरोध में जमकर बवाल हुआ था, आगजनी भी हुई थी, पुलिस के कई अधिकारी भी घायल हुए थे, इस दौरान ताहिर नाम की एक व्यक्ति को गोली लगी थी, गोली लगने के बाद ताहिर ने पुलिस को दिए गए बयान में विनय, सुरेंद्र, और वीरेंद्र पर गोली मारने का आरोप लगाया था, घटनाक्रम में गोली चलाने का मैन आरोप विनय पर लगाया था.
15 दिन चले इलाज के बाद ताहिर ने मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया था, मृतक के परिजनों की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, पूरे घटनाक्रम में सुरेंद्र और वीरेंद्र को पहले ही कोर्ट से बेल मिल चुकी थी, लॉयन ऑर्डर प्रॉब्लम को देखते हुए अलीगढ़ जेल से विनय को एटा की जेल भेज दिया गया था, और विनय लगभग 30 महीने से जेल में बंद था.
आज डिस्टिक जज बब्बू सारंग द्वारा तीनों आरोपियों को बेगुनाह मानते हुए दोषमुक्त कर दिया है, इस दौरान मुकदमे के जजमेंट को लेकर सुरक्षा की दृष्टि से कोर्ट परिसर में भारी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात था, दोषमुक्त होने के बाद परिवार और हिंदू वादियों में बेहद खुशी की लहर है, कल शाम को एटा जेल से विनय हो