नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ‘मोथा’ ने उत्तर भारत के मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया था। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान में मोथा ने कहर बरपाया। लखनऊ-कानपुर समेत अन्य जिलों में करीब 72 घंटे तक रूक-रूक कर बारिश हुई। इस अनियमित बारिश से जहां लोगों को ठंडक का एहसास हुआ तो, वहीं किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई थीं। हालांकि मोथा अब देश से चला गया, लेकिन अब एक और नए संकट ने दस्तक दे दी है। उत्तर भारत में 4 नवंबर से मौसम के एक बड़े उलटफेर की दहलीज पर खड़ा है, जहां पश्चिमी पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ मैदानी इलाकों में बारिश-गर्जन की संभावना है और तापमान में तेज गिरावट दर्ज होगी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ 4 नवंबर से सक्रिय हो रहा है। इसके प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में गरज-चमक के साथ बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के आसार हैं। कुछ स्थानों पर ओले और तेज हवाओं के चलने की संभावना भी जताई गई है, जिनकी गति लगभग 40-50 किमी प्रति घंटा रह सकती है। आईएमडी के अनुसार जिसके चलते अगले कुछ घंटे के अंदर कई राज्यों में तेज बारिश के साथ ही ओले गिरने की प्रबल संभावना है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के लोगों को सलाह दी गई है कि घर से दूर निकलने के पहले मौसम का जायजा ले लें।
आईएमडी के अनुमार, मैदानी इलाकों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश, बादल और तेज हवाएं चल सकती हैं। इससे तापमान में गिरावट आएगी और सर्दी की शुरुआत महसूस होगी। कृषि क्षेत्रों में इन हवाओं और संभावित बूंदाबांदी का असर खरीफ की अंतिम कटाई और गेहूं की बुवाई पर पड़ सकता है। आईएमडी के अनुसार उत्तर भारत में अगले 72 घंटों में न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। मध्य भारत में 48 घंटों बाद तापमान में गिरावट शुरू होने का अनुमान है। उत्तर-पश्चिम भारत में शीतलहर जैसे हालात बन सकते हैं।
मौसम विभाग के अनुसार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में आज और कल बर्फबारी और बारिश की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में 4-5 नवंबर को बर्फबारी के साथ बारिश हो सकती है। उत्तराखंड में 4 नवंबर को गरज-के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। उच्च हिमालयी गांवों में तापमान में 5-7 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट संभव है। पर्यटन स्थलों शिमला, मनाली, गुलमर्ग, सोनमर्ग और औली में सीजन की पहली बड़ी बर्फबारी की उम्मीद है। यात्रियों को पर्वतीय मार्गों पर फिसलन और दृश्यता कम होने के कारण सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के कम-दबाव क्षेत्र अब कमजोर पड़ रहे हैं, लेकिन इनके अवशेष पूर्वोत्तर भारत, अंडमान-निकोबार और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और आसमानी बिजली पैदा कर सकते हैं।अंडमान- निकोबार क्षेत्र में समुद्री हवाएं लगभग 30-40 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं, इसलिए मछुआरों को सावधान रहने की सलाह है। मध्य महाराष्ट्र और पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी बिजली चमकने के साथ हल्की बौछारें संभव हैं। आईएमडी के मुताबिक, बारिश और ओलावृष्टि के चलते यूपी में सर्दी पड़ेगी। तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज होगी। ऐसे में अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
अगर यूपी की बात करे तो चार नवंबर की सुबह से बादलों का ढेरा है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ का मौसम पर असर चार नवंबर के बाद से और प्रचंड रूप में दिखाई देगा। सीएसएस के मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अब कानपुर और आस-पास के इलाकों में सुबह-शाम की धुंध बनी रहेगी। सुबह नौ बजे के बाद धुंध कम होगी। सोमवार को कानपुर में हवा की औसत गति 4.6 किमी प्रति घंटा रही है जो अगले 24 घंटे में बढ़कर 12 किमी तक पहुंच सकती है। तेज हवा के आने से पहाड़ों की सर्दी भी पहुंचेगी जबकि अरब सागर से आ रही नमी के कारण कहीं-कहीं हल्के बादल रह सकते हैं। यूपी के कई जनपदों में बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं।










