
कंपनी के अनुसार, इस बैटरी स्टोरेज सिस्टम की कुल क्षमता 1,126 मेगावॉट (MW) और 3,530 मेगावॉट-घंटा (MWh) होगी। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रिड स्थिरता बढ़ाना, पीक लोड मैनेजमेंट को सक्षम बनाना और अक्षय ऊर्जा के अधिकतम उपयोग को सुनिश्चित करना है।अदानी ग्रुप ने बताया कि यह परियोजना मार्च 2026 तक चालू होने की उम्मीद है। इसके अलावा समूह ने अगले 5 वर्षों में कुल 50 GWh भंडारण क्षमता तक विस्तार करने का लक्ष्य रखा है।इससे ग्रिड और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होती है, बिजली का बिल कम होता है, और निरंतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होती है।अडानी ने कहा कि उनकी परियोजना का उद्देश्य ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ाना, पीक लोड दबाव को कम करना, ट्रांसमिशन की भीड़भाड़ को कम करना और चौबीसों घंटे स्वच्छ बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। यह बेहतर प्रदर्शन के लिए ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों के साथ एकीकृत उन्नत लिथियम-आयन बैटरी तकनीक का उपयोग करेगा।
कंपनी का कहना है कि यह कदम भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ाएगा और सौर तथा पवन ऊर्जा के एकीकरण में नई संभावनाएं खोलेगा। यह परियोजना न केवल देश की बिजली आपूर्ति प्रणाली को स्थिर बनाएगी, बल्कि भारत को वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी भूमिका में भी लाएगी।