Pilibhit ADM Ritu Punia Transfer: वीएचपी नेता प्रिंस गौड़ की गिरफ्तारी और जमानत पर रिहाई के तुरंत बाद पीलीभीत में एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया का तबादला कर उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया गया है। यह फैसला तब आया जब गौड़ पर एडीएम ने ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस घटनाक्रम ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। संगठन के मंत्रियों ने इस मामले को लखनऊ तक पहुंचाया, जिसके बाद गौड़ की रिहाई हुई और फिर एडीएम का तबादला कर दिया गया।
गौड़ की रिहाई मंगलवार को हुई, और तेज-तर्रार छवि के कारण ‘लेडी सिंघम’ नाम से प्रसिद्ध एडीएम का ट्रांसफर बुधवार देर रात किया गया। इस पूरे विवाद की जड़ कचहरी के पास बन रही ‘डायमंड कॉलोनी’ बताई जा रही है, जिसका हिंदू संगठन लगातार विरोध कर रहे थे। इस फेरबदल को संगठन के दबाव का परिणाम माना जा रहा है। (103 शब्द)
VHP नेता की रिहाई, ‘लेडी सिंघम’ का तबादला
उत्तर प्रदेश के Pilibhit में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के विभाग संगठन मंत्री प्रिंस गौड़ की गिरफ्तारी और रिहाई के बाद यह बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। ADM वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया का तबादला कर उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया गया है, जबकि उनकी जगह प्रसून द्विवेदी को भेजा गया है। यह फैसला प्रिंस गौड़ की जमानत पर रिहाई के ठीक एक दिन बाद आया।
वीएचपी नेता प्रिंस गौड़ पर एडीएम ने ही गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। सोमवार को वीएचपी संगठन के मंत्रियों ने डीएम और एसपी से मुलाकात की और इस मामले को लखनऊ में शीर्ष स्तर तक पहुंचाया। गौड़ की रिहाई मंगलवार को हुई, और एडीएम का तबादला बुधवार देर रात किया गया।
विवाद की जड़ बनी ‘डायमंड कॉलोनी’
दरअसल, इस पूरे फसाद की जड़ Pilibhit कचहरी के पास विकसित हो रही ‘डायमंड कॉलोनी’ बताई जा रही है। हिंदू संगठन लगातार इस कॉलोनी का विरोध कर रहा था, क्योंकि कॉलोनी में एक मज़ार और छोटे-छोटे मंदिरों को हटा दिया गया था। साथ ही, एक अन्य मंदिर का रास्ता भी बंद करने की कोशिश की जा रही थी। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से नोकझोंक भी आम हो गई थी।
ADM ऋतु पूनिया पर मेरठ के कॉलोनाइजरों की मदद करने के आरोप भी सोशल मीडिया पर छाए रहे, जिससे वह सीधे तौर पर इस विवाद से जुड़ गईं।
एडीएम के आरोप और संगठन का दबाव
एडीएम ऋतु पूनिया ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर दी थी कि प्रिंस गौड़ ने अपने पत्र में उन पर स्टांप मामलों में अनियमितता और कॉलोनियों में दखल का झूठा और तथ्यहीन आरोप लगाया था। एडीएम ने यह भी आरोप लगाया कि गौड़ ने उनके मृत माता और ससुर के नाम से बैनामे कराने का आपराधिक आरोप लगाया, जो यह दर्शाता है कि आरोपी किसी गिरोह के साथ मिलकर उन पर हमला कर सकता है।
प्रिंस गौड़ की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर हलचल मच गई, और वीएचपी पदाधिकारियों ने इसे बेहद गंभीरता से लिया। गौड़ की Pilibhit जेल में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें Pilibhit जिला अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। तबादले से पहले, प्रिंस गौड़ पर लगाई गई धाराएं कम कर दी गईं, और उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। बुधवार देर रात एडीएम ऋतु पूनिया को पीलीभीत से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया।








