आखिर क्यों ईसा मसीह ने दिया था बलिदान, क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास ?

Good Friday History: आज के दिन क्रिस्चियन गुड फ्राइडे मना रहे है। भारत में विभिन्न-विभिन्न धर्म और समुदाय के लोग एक साथ मित्रता और भाईचारे से रहते है। गुड फ्राइडे को इसलिए मनाते है क्योंकि ईसा मसीह ने बढ़ते पाप को देखते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। जिसके चलते हर साल त्याग की याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है। आइए जानते है आखिर क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास और कैसे गुड फ्राइडे का नाम दिया गया।

गुड फ्राइडे का इतिहास (Gud Friday 2022 History)

गुड फ्राइडे को मनाने के पीछे की मान्यता है कि लगभग दो हजार साल पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा मसीह लोगों को एकता, अंहिसा और मानवता का उपदेश देते थे। उस दौरान लोग उन्हें ईश्वर मानने लगे थे। लेकिन कुछ लोग ईसा मसीह से चिढ़ते थे। ऐसे लोग धार्मिक अंधविश्वास को फैलाने में विश्वास रखते थे।

उन लोगों ने ईसा मसीह की शिकायत रोम के शास पिलातुस से कर दी, जो खुद को ईश्वर का पुत्र बताया करते थे। ईसा मसीह पर धर्म अवमानना और राजद्रोह का आरोप लगा। ईसा मसीह को मृत्युदंड का फरमान सुना दिया गया। उन्हें कांटों का ताज पहनाया गया और चाबुक से मारा गया। इसके बाद उन्हें कीलों की मदद से सूली पर लटका दिया गया। बाइबल के मुताबिक, जिस सूली पर ईसा मसीह को चढ़ाया गया था, उसे गोल गाथा कहा जाता है।

गुड फ्राइडे नाम क्यों पड़ा?

जिस दिन ईसा मसीह पर आरोप लगाकर उन्हें सूली पर चढ़ाने की सजा दी गई और उनकी मौत हुई, उस दिन को हर साल गुड फ्राइडे के तौर पर मनाया जाता है। हालांकि इस दिन को ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। इस दिन को गुड फ्राइडे कहने का कारण था कि लोग इसे एक पवित्र दिन मनाते हैं। लोग ईसा मसीह के बलिदान को याद करते हैं। चर्च में सेवा करके उन पलों को याद करते हैं जब यीशु ने मानव सेवा के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे।

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