Agra police: आगरा में एक फौजी के घर हुई 30 लाख की चोरी को पुलिस ने सिर्फ 10,070 रुपये में रफा-दफा कर दिया। सीसीटीवी फुटेज से चोरों को पकड़ने के बावजूद पुलिस ने उन्हें सच्चा आरोपी मानने से इनकार कर दिया और पीड़ित को सिर्फ़ “संवेदनशीलता” दिखाते हुए कुछ रुपये देकर टरका दिया। सीमा पर देश की सेवा करने वाले जवान ने हार नहीं मानी और लखनऊ जाकर अधिकारियों से शिकायत की। दो महीने बाद जांच फिर से शुरू हुई और तीसरे चोर से 6.5 लाख रुपये और पीली धातु बरामद की गई। अब पुलिस की कार्यशैली, ईमानदारी और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
फौजी के घर लाखों की चोरी, पुलिस ने कहा – ‘ये चोर नहीं’
Agra के जगदीशपुरा थाना क्षेत्र की सुहेलदेव कॉलोनी, बोदला निवासी भारतीय सेना के जवान दिनेश कुमार की गैरमौजूदगी में उनके घर में भारी चोरी हुई। दिनेश कुमार, जो कि अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर तैनात हैं, शादी के सिलसिले में अप्रैल में छुट्टी लेकर आगरा आए थे। 11 अप्रैल को जब वह परिवार सहित गांव जनूथा अछनेरा गए, उसी रात अज्ञात चोरों ने उनके घर से 14 तोला सोना, आधा किलो चांदी और 35 हजार रुपये नकद चुरा लिए।
उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी, लेकिन उन्हें तब झटका लगा जब पुलिस ने उनकी तहरीर ही बदलवा दी। जांच में Agra पुलिस ने दो युवकों – विकास उर्फ बॉबी और जीतू – को पकड़ा, जिन्हें सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, पुलिस ने इन्हें घटना स्थल के बजाय दूसरी चौकी पर रखकर पूछताछ की और फौजी को यही कहा गया कि “ये वही चोर नहीं हैं।” इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया, लेकिन तीसरे आरोपी को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया।
डीसीपी के खुलासे से पुलिस की पोल खुली
फौजी दिनेश ने जब देखा कि उसे 30 लाख की चोरी के बदले महज 10,070 रुपये देकर गुमराह किया गया है, तो वह सीधे लखनऊ पहुंचा और आला अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई। दो महीने की भागदौड़ के बाद मामला दोबारा खोला गया। इस बार जांच में तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी हुई और पुलिस को उससे 6.5 लाख रुपये नकद और सोने के जेवरात बरामद हुए।
Agra डीसीपी सिटी द्वारा मंगलवार को इस मामले का खुलासा किया गया, जिससे साफ हो गया कि पहले की जांच में गंभीर खामियां थीं। फौजी ने तत्कालीन थाना प्रभारी आनंदवीर सिंह, चौकी प्रभारी देवी शरण सिंह और एसीपी मयंक तिवारी की भूमिका पर सीधे तौर पर सवाल उठाए हैं।
सीमा पर तैनात फौजी ने खोली सिस्टम की पोल
दिनेश कुमार का कहना है कि वह सीमा पर देश की सेवा करता है, और उसकी खून-पसीने की कमाई को यूं लूट लिया गया। जिस पुलिस से उसे उम्मीद थी, उसी ने उसे गुमराह किया। लाखों की चोरी को 10 हजार रुपये में निपटाकर मामला बंद करने की कोशिश की गई। लेकिन उसकी हिम्मत और लगन ने अंततः पूरे मामले की परतें खोल दीं।
अब सवाल ये है कि क्या इस लापरवाही पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी? और क्या ऐसे मामलों में आम जनता को न्याय मिल पाएगा?