SN Medical College Agra: डॉक्टर ने कर दिया कमाल, कौन सी जटिल सर्जरी कर महिला को दी नई ज़िंदगी

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में कैंसर सर्जरी विभाग ने पहली बार 13 किलो वजन का ओवरी ट्यूमर निकालकर बड़ी सफलता हासिल की। चार घंटे चली इस जटिल सर्जरी में डॉक्टरों ने महिला को नई जिंदगी दी।

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Big Success at SN Medical College Agra:आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में एटा की 45 वर्षीय महिला गंभीर हालत में इलाज के लिए पहुंची। जांच में पता चला कि उसके पेट में 13 किलो का ओवरी ट्यूमर है। महिला का वजन करीब 49 किलो था। इतनी बड़ी गांठ की वजह से उसका पेट गुब्बारे की तरह फूल गया था। उसे महीनों से पेट में सूजन, तेज दर्द, भूख न लगना और चलने में परेशानी हो रही थी। ट्यूमर इतना बड़ा हो गया था कि पेट के अंदर की आंत, पेशाब की थैली और अन्य अंगों पर दबाव पड़ रहा था। स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही थी।

चार घंटे चली साइटोरिडक्टिव सर्जरी

कैंसर सर्जन डॉ. वरुण अग्रवाल ने बताया कि महिला पहले कीमोथेरेपी भी ले चुकी थी। कई निजी अस्पतालों ने इलाज से मना कर दिया था, तब परिजन उसे एसएन मेडिकल कॉलेज लेकर आए। टीम ने गंभीर हालत को देखते हुए साइटोरिडक्टिव सर्जरी का फैसला लिया। करीब चार घंटे तक चली इस सर्जरी में डॉक्टरों ने ट्यूमर को पूरी तरह से बाहर निकाल दिया। यह एसएन मेडिकल कॉलेज में अब तक की सबसे बड़ी और जटिल सर्जरी मानी जा रही है। मरीज की हालत में अब सुधार हो रहा है और उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

विशेषज्ञों की टीम ने दी मदद

सर्जरी में कैंसर विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि महिला को कई महीनों से परेशानी थी और ट्यूमर के बढ़ने से उसकी हालत और खराब हो रही थी। वहीं प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता और सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत लवानियां ने बताया कि निजी अस्पताल में इस सर्जरी का खर्च 3 से 4 लाख रुपये आता है। लेकिन एसएन मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की मदद से यह ऑपरेशन मुफ्त में किया गया। टीम में डॉ. अंशिका मित्तल, डॉ. वर्षा, डॉ. ईशान, डॉ. नमन, और एनेस्थीसिया टीम में डॉ. अर्चना अग्रवाल, डॉ. दीपिका, डॉ. सालू, डॉ. विकास और डॉ. वैभव भी शामिल रहे।

नई उम्मीद की किरण

इस सर्जरी ने दिखा दिया कि सरकारी अस्पतालों में भी कठिन से कठिन केस का इलाज संभव है। डॉक्टरों की टीम ने जान जोखिम में डालकर महिला को नई जिंदगी दी। ऐसे मामलों में समय पर इलाज मिलना बहुत जरूरी है, जिससे मरीज की जान बचाई जा सके। आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की यह सफलता पूरे क्षेत्र के लिए राहत की खबर है।

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