Uttar Pradesh: आगरा में एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो दसवीं फेल लोगों को भी सीधा ग्रेजुएट बना देता था। यह गिरोह अर्जुन नगर गेट के पास स्थित किराए की दुकान से नामी विश्वविद्यालयों की नकली मार्कशीट तैयार करके बेच रहा था। बताया जा रहा है कि यहां से बनी फर्जी डिग्री का इस्तेमाल कर कई लोग सरकारी नौकरियों में भी काम कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उससे गहराई से पूछताछ की जा रही है।
हजारों फर्जी मार्कशीट बरामद
एसटीएफ को छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में नकली मार्कशीट मिली हैं। जांच में पता चला कि आरोपी अब तक 8,000 से अधिक फर्जी मार्कशीट बना चुका है। इसके अलावा, दुकान से कई विश्वविद्यालयों की खाली मार्कशीट भी बरामद की गई हैं, जिनका इस्तेमाल भविष्य में नकली डिग्री बनाने के लिए किया जाना था।
गुप्त सूचना पर कार्रवाई
एसटीएफ को मुखबिर से सूचना मिली थी कि अर्जुन नगर गेट के पास एक दुकान में फर्जी डिग्री तैयार की जा रही हैं। सूचना मिलते ही टीम ने छापा मारा और मौके से धनेश मिश्रा नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। दुकान की तलाशी लेने पर वहां से भारी मात्रा में नकली मार्कशीट बरामद हुईं। इसके अलावा, कई विश्वविद्यालयों की खाली डिग्रियां भी मिलीं, जिनका इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज बनाने में किया जा रहा था।
चार साल से चला रहा था यह गोरखधंधा
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह पिछले चार सालों से यह अवैध काम कर रहा है। उसने बताया कि वह ज्यादातर निजी विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री बनाता था और इसके बदले दो से ढाई लाख रुपये तक की रकम वसूलता था। इस काम के लिए उसने चार विश्वविद्यालयों से गुप्त अनुबंध कर रखा था, जिनके माध्यम से वह छात्रों से फॉर्म भरवाता था और उन्हें बिना पढ़ाई किए डिग्री दिला देता था।
कोर्स के हिसाब से वसूलता था रकम
एसटीएफ को आरोपी ने बताया कि वह अलग-अलग कोर्स के लिए अलग-अलग रकम वसूलता था। पेशेवर डिग्री (व्यावसायिक कोर्स) के लिए वह दो से ढाई लाख रुपये तक लेता था, जबकि बीए और बीकॉम जैसी सामान्य डिग्रियों के लिए 20 से 50 हजार रुपये तक चार्ज करता था।
महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद
गिरफ्तार आरोपी के पास से एसटीएफ ने कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जिनसे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि अब तक किन-किन लोगों ने इस गिरोह से फर्जी डिग्री ली है और इनमें से कितने लोग सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।