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AI को लेकर क्यों बढ़ रही है डराने वाली आशंकाएं क्या यह धरती पर ला सकता है जल संकट

AI टेक्नोलॉजी के तेजी से बढ़ते इस्तेमाल से न सिर्फ बिजली बल्कि पानी की खपत भी बहुत बढ़ रही है। इससे जल स्रोतों पर दबाव पड़ रहा है और भविष्य में जल संकट गहरा सकता है।

Ahmed Naseem by Ahmed Naseem
April 5, 2025
in टेक्नोलॉजी
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AI impact on water consumption: आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े कई ट्रेंड्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। लोग AI टूल्स और तकनीकों का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि AI को ऑपरेट करने के लिए सिर्फ बिजली नहीं, बल्कि भारी मात्रा में पानी की भी जरूरत होती है। ये पानी ज्यादातर उन डाटा सेंटर्स में इस्तेमाल होता है, जहां AI मॉडल्स को ट्रेन और रन किया जाता है।

डाटा सेंटर्स में क्यों लगता है इतना पानी?

डाटा सेंटर्स लगातार बड़ी मात्रा में डाटा प्रोसेस करते हैं, जिससे वहां बहुत ज्यादा गर्मी पैदा होती है। इस गर्मी को कम करने के लिए इन सेंटर्स में कूलिंग सिस्टम लगाए जाते हैं, जो सर्वर्स को ठंडा रखने का काम करते हैं। इन कूलिंग सिस्टम्स में साफ पानी का उपयोग होता है। पानी को बार-बार घुमाया जाता है ताकि गर्म सर्वर ठंडे हो सकें।

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मान लीजिए कोई बड़ा AI मॉडल ट्रेंड किया जा रहा है, तो इसके लिए कई दिनों तक कंप्यूटर सिस्टम बिना रुके चलते रहते हैं। इस दौरान पैदा होने वाली गर्मी को ठंडा करने के लिए बहुत सारा पानी खर्च होता है।

बिजली भी बन रही है कारण

AI के लिए जितनी जरूरत पानी की है, उतनी ही जरूरत बिजली की भी है। डाटा सेंटर्स में भारी मात्रा में बिजली की खपत होती है। इससे कार्बन उत्सर्जन तो होता ही है, लेकिन पानी की मांग भी बढ़ जाती है। दरअसल, बहुत से थर्मल पावर प्लांट्स बिजली बनाने के लिए भी बड़ी मात्रा में पानी का इस्तेमाल करते हैं। इस तरह AI का बढ़ता उपयोग पर्यावरण और जल संसाधनों दोनों पर असर डाल रहा है।

भविष्य को लेकर चिंतित हैं जानकार

एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर चिंता जता रहे हैं कि अगर AI की ग्रोथ ऐसे ही तेज़ी से बढ़ती रही, तो आने वाले समय में पानी की किल्लत और भी बढ़ सकती है। खासकर उन इलाकों में जहां पहले से ही जल संकट है, वहां AI डाटा सेंटर्स बनने से स्थिति और बिगड़ सकती है।

जानकारों का मानना है कि अगर अभी से इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो जलवायु परिवर्तन और वॉटर मैनेजमेंट को लेकर आने वाले सालों में बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है।

ये भी पढ़ें:-बगैर किसी तोड़फोड़ के होगा फिट गर्मियों से राहत देने वाला स्मार्ट ऑप्शन क्या होता है पोर्टेबल एसी

समाधान की जरूरत

जरूरी है कि AI टेक्नोलॉजी को ज्यादा टिकाऊ (सस्टेनेबल) बनाया जाए। इसके लिए ऐसे डाटा सेंटर्स तैयार करने होंगे जो कम पानी और बिजली की खपत में काम कर सकें। साथ ही, कंपनियों को भी पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

Tags: AI and EnvironmentWater Consumption
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Ahmed Naseem

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