महाशक्ति के ड्रोन हमले में ढेर हुआ अलकायदा का सरगना, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा ‘न्याय पूरा हुआ’

अल-जवाहिरी एक कुख्यात आतंकी था जिसने लंबे समय से अलकायदा की कमान संभाल रखी थी। ओसामा लादेन के अमेरिकी हमले में ढेर होने के बाद अल-जवाहिरी आतंकी गुट का सरदार था। लेकिन अब इस सरदार की कहानी भी खत्म हुई।

दरअसल अल-जवाहिरी अमेरिकी ड्रोन हमले में ढेर हो गया है। इसका ऐलान दुनिया के सबसे शक्तिशाली शख्स ने किया है। यानि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद 6 बजकर 18 मिनट पर आतंवादी अल-जवाहिरी की मौत की पुष्टि की है। हालांकि अल-जवाहिरी की मौत बीते दिन दोपहर को ही हो गई थी।

जो बाइडेन ने राष्ट्र को किया संबोधित

उन्होंने कहा कि ‘न्याय पूरा हुआ’। इस पूरे ऑपरेशन सीआईए को स्पेशल ऑपरेशन टीम ने अंजाम दिया।  जो सालों से जवाहिरी को ढूंढकर मारने के टारगेट पर काम कर रही थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमने जवाहिरी को ढूंढकर मार दिया है। अमेरिका और यहां के लोगों के लिए जो भी खतरा बनेगा हम उसे नहीं छोड़ेंगे। हम आतंक को खत्म करने कि लिए अफगानिस्तान में अटैक जारी रखेंगे। 

अमेरिकी एक्शन पर भड़क तालिबान

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ड्रोन स्ट्राइक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की स्पेशल टीम ने की। जवाहिरी अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही काबुल में रह रहा था। वहीं अमेरिकी एक्शन पर तालिबान भड़क गया है और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया है।

पाकिस्तान में घुसकर ओसामा को मारा

आपको बता दें इससे पहले भी अमेरिका ने अलकायदा के मुखिया को ढेर किया था। ओसामा कोबिन लादेन को मारने के लिए लंबा अभियान चलाया था। लेकिन 2 मई 2011 को अमेरिका की नेवी सील कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा के मारा था।

अब अल जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका का अफगानिस्तान में ऑपरेशंस चला रहा था। अल जवाहिरी 12 महिने से काबुल में था। यही वजह है कि दूसरे देशों ने अफगानिस्तान से अपना सबकुछ वापस बुला लिया था। लेकिन अमेरिकी दूतावास और उसके अधिकारी लगातार सक्रिय थे। 

भारत में भी दे रहा था आतंकवाद को बढ़ावा

बता दें कि अल-जवाहिरी भारत में भी आतंकवाद को मजबूत करने में लगा था। लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों के बेहतर समन्वय और खुफिया एजेंसियों की अनथक कार्रवाई के चलते वो ऐसा करने में विफल रहा। उसने भारत के मुसलमानों से भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने  खासकर असम में बेहतर तैयारी के निर्देश दिये थे। जिसके बाद ताबड़तोड़ आतंकवाद निरोधक कार्रवाई चली थी। 

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