Aligarh Tragedy:अलीगढ़ शहर के क्वार्सी थाना क्षेत्र की शिवाजीपुरम कॉलोनी में रविवार दोपहर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। बाथरूम में गैस गीजर चालू कर नहा रही 12 साल की मानवी सिंह की दम घुटने से मौत हो गई। मानवी ओएलएफ स्कूल में कक्षा छठीं की छात्रा थी। हादसे के समय घर में उसकी मां नीतू सिंह और छोटा भाई आरव मौजूद थे।
नहाते समय नहीं लौटी मानवी
घटना रविवार दोपहर करीब 12 बजे की है। मानवी नीचे बने बाथरूम में नहाने गई थी। लगभग आधे घंटे तक जब वह बाहर नहीं आई, तो मां नीतू सिंह ने ऊपर से आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उस समय घर में प्लंबर भी मौजूद था, जिसे बाथरूम की मरम्मत के लिए बुलाया गया था।
जब काफी देर तक अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, तो नीतू नीचे उतरीं और बाथरूम का दरवाजा जोर-जोर से पीटना शुरू किया। अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर उन्होंने प्लंबर की मदद से दरवाजा तोड़ा। अंदर मानवी बेहोश हालत में फर्श पर गिरी पड़ी थी।
अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
परिजन घबराकर मानवी को तुरंत रामघाट रोड स्थित मैक्स अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों का कहना है कि बंद बाथरूम में गैस गीजर चालू रहने से ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। इस कारण कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के प्रभाव से उसका दम घुट गया।
जन्मदिन के अगले ही दिन बुझ गई जिंदगी
दुखद बात यह है कि मानवी का शनिवार को ही जन्मदिन था। पूरे परिवार ने मिलकर बड़ी खुशी से जश्न मनाया था। लेकिन अगले ही दिन वही घर मातम में डूब गया।
मानवी के पिता देवेंद्र सिंह, जो राजस्थान के जैसलमेर में सेना में तैनात हैं, छुट्टी न मिलने के कारण जन्मदिन पर घर नहीं आ सके थे। जैसे ही उन्हें बेटी की मौत की खबर मिली, वे तुरंत अलीगढ़ के लिए रवाना हो गए। रविवार शाम तक वे घर पहुंचे और उसी शाम अंतिम संस्कार किया गया।
नया घर और टूटा सपना
परिवार ने हाल ही में शिवाजीपुरम में नया घर बनवाया था। दशहरे के दिन गृह प्रवेश हुआ था और 2 अक्टूबर को परिवार उसमें शिफ्ट हुआ था। मां नीतू सिंह सासनी क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं, जबकि छोटा भाई आरव अभी केवल छह साल का है और स्कूल जाना शुरू किया था।
पूरे इलाके में पसरा मातम
मानवी की मौत से पूरा परिवार और कॉलोनी सदमे में है। पड़ोसी रोहित शर्मा ने बताया कि मानवी बहुत होनहार और हंसमुख बच्ची थी। शनिवार को जिस घर में हंसी-खुशी थी, अगले ही दिन वहां रोने की आवाजें गूंजने लगीं।
पूरी शिवाजीपुरम कॉलोनी में इस घटना के बाद शोक का माहौल है और लोग अब भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि एक छोटी-सी गलती ने एक मासूम की जान ले ली।
