Aligarh Halal Certification Meat Export: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी, अलीगढ़ से हलाल सर्टिफाइड मीट का निर्यात कारोबार $7000$ करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है, जो लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन को बैन करने का ऐलान किया और जनता से अपील की कि वे ऐसे उत्पादों की खरीद से बचें, यह कहते हुए कि इससे जमा किए गए पैसों का इस्तेमाल “आतंकवाद, लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण” जैसी गतिविधियों में किया जाता है। हालांकि, यह जानना दिलचस्प है कि इसी राज्य के अलीगढ़ जिले में हलाल सर्टिफाइड मीट का रिकॉर्ड तोड़ निर्यात हो रहा है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Aligarh का सालाना मीट निर्यात कारोबार $7000$ करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है, और इसमें लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। पिछले चार वर्षों में इस कारोबार में लगभग $2000$ करोड़ रुपये की भारी वृद्धि हुई है। यह बढ़ता हुआ कारोबार राज्य सरकार की नीति के अनुरूप है।
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इस विषय पर Aligarh के मंडलीय उपायुक्त खाद्य सुरक्षा ने स्पष्ट किया कि नवंबर $2023$ में यूपी सरकार ने एक शासनादेश (सरकारी आदेश) जारी किया था। इस आदेश में घरेलू बाजार में हलाल उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने का निर्देश दिया गया था। इसका मतलब है कि उत्तर प्रदेश के भीतर हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध है, लेकिन निर्यात (Export) के लिए छूट दी गई है।
शासनादेश के तहत, Aligarh में स्थापित मांस प्रसंस्करण इकाइयों से निर्यात होने वाले मीट को हलाल सर्टिफिकेट जारी किया जाता रहेगा। यह हलाल सर्टिफिकेशन सरकार द्वारा अधिकृत (Authorised) संस्थाओं द्वारा दिया जाता है।
Aligarh से हलाल सर्टिफाइड मीट $10$ प्रमुख देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है। इन देशों की सूची में वियतनाम, मिस्र (Egypt), इराक, ईरान, दुबई, सऊदी अरब, मलेशिया और इंडोनेशिया शामिल हैं। इन देशों में से वियतनाम अलीगढ़ के मीट का सबसे बड़ा आयातक (Importer) है। वियतनाम इस मीट को पहले आयात करता है, फिर इसे प्रोसेस करके चीन जैसे देशों को एक्सपोर्ट करता है।
यूपी सरकार के घरेलू बैन और निर्यात की छूट ने अलीगढ़ के मीट उद्योग के लिए एक दोहरी नीति का रास्ता खोला है, जिससे वैश्विक बाजार में उसका $7000$ करोड़ रुपये का कारोबार निर्बाध रूप से जारी है, जबकि राज्य के भीतर इस पर राजनीतिक और धार्मिक कारणों से विवाद गहराता जा रहा है।










