दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कारों में से एक नोबेल पुरस्कार के विजेताओं के नामों के ऐलान होने का सिलसिला शुरु हो गया है. लेकिन इस बीच खबर ये सामने आ रही है की फैक्ट-चेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा इस साल नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के दावेदारों में शामील है। यह दावा टाइम की रिपोर्ट में किया गया है। फैक्ट चेक साइट AltNews के सह-संस्थापक, प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर भी नामांकन के आधार पर पुरस्कार जीतने के दावेदारों में से है, जिन्हें नॉर्वेजियन सांसदों के माध्यम से सार्वजनिक किया गया और इसे पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ओस्लो (PRIO) से एकत्र किया गया। वहीं जुबैर की गिरफ्तारी का मामला पूरी दुनिया में छाया था, जिसका कई संस्थाओं ने विरोध किया था।
शांति पुरस्कार की दौड़ में 343 उम्मीदवार
साल 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में सगभग 343 उम्मीदवार है, जिनमें से 251 व्यक्ति हैं और 92 संगठन शामिल हैं। हालांकी, नोबेल कमेटी नॉमिनेटेड लोगों के नामों का ऐलान नहीं करती है। साथ ही यह जानकारी मीडिया और उम्मीदवारों को भी नहीं दी जाती है। एक रॉयटर्स सर्वे में बेलारूस की विपक्षी नेता स्वियातलना सिखानौस्काया, ब्रॉडकास्टर डेविड एटनबरो, क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग, पोप फ्रांसिस, तुवालु के विदेश मंत्री साइमन कोफे और म्यांमार की राष्ट्रीय एकता सराकर नार्वे के सांसदों द्वारा नामित लोगों में शामिल है।
दिल्ली पुलिस ने जुबैर को किया था गिरफ्तार
मालूम हो कि इस साल जून महीने में मोहम्मद जुबैर को साल 2018 में किए गए ट्वीट के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जो “अत्याधिक भड़काऊ और घृणा फैलाने वाला” था। दिल्ली पुलिस ने उन पर धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर काम करने के आरोप लगाया था। इस मामले में एक सोशल मीडिया यूजर द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। गिरफ्तारी के बाद लगभग महीनेभर जेल में बिताने के बाद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
नोबेल कमेटी ने कल मंगलवार को तीन वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का ऐलान किया. रॉयल स्वाीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने क्वाटंम सूचना विज्ञान के लिए फ्रांस के एलै एस्पै, अमेरिका के जॉन एफ क्लाउसर और ऑस्ट्रिया के एंतन साइलिंगर को यह पुरस्कार देने की घोषणा की.
फोटोन कहे जाने वाले कणों को अधिक दूरी तक अलग- अलग किए जाने के बावजूद उन्हें जोड़ सकने वाले या पकड़ने के तरीकों की खोज के लिए तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार दिया गया है. क्वांटम सूचना विज्ञान का एक उदाहरण इनक्रिप्शन भी है।