कौन हैं पटना के DM-SSP, जिन्होंने अनंत सिंह को पहनाई ‘हथकड़ी’, रंगदारी सेल में कुछ ऐसी कटी ‘बाहुबली’ की रात

जेडीयू के बाहुबली नेता अनंत सिंह को पुलिस ने देररात अरेस्ट कर लिया। अनंत सिंह पर मोकामा से आरजेडी के नेता दुलारचंद की हत्या का आरोप है। पुलिस अनंत सिंह को थाने लेकर आई और रंगदारी सेल पर उन्हें रखा। रविवार को अनंत सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

पटना ऑनलाइन डेस्क। जेडीयू के बाहुबली नेता अनंत सिंह को पुलिस ने देररात अरेस्ट कर लिया। अनंत सिंह पर मोकामा से आरजेडी के नेता दुलारचंद की हत्या का आरोप है। पुलिस अनंत सिंह को थाने लेकर आई और रंगदारी सेल पर उन्हें रखा। रविवार को अनंत सिंह को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। अनंत सिंह 6 सितंबर को बेऊर जेल से बाहर आए थे और तीन माह के बाद फिर उसी के अंदर कर दिए गए।

क्यों हुई अंनत सिंह की गिरफ्तारी

बता दें कि दुलारचंद यादव की 30 अक्टूबर को पटना के मोकामा क्षेत्र में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार करते समय आपसी झड़प के दौरान मौत हो गई थी। दुलारचंद के समर्थकों ने अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया था। घटना भदौर और घोसवारी थानों के पास मोकामा इलाके में हुई थी। पुलिस ने केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। आरजेडी और कांग्रेस के नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है। इसी के बाद शनिवार की देररात अनंत सिंह को उनके घर से पुलिस ने अरेस्ट कर जेल भेज दिया।

कुछ ऐसे हुई अनंत सिंह की गिरफ्तारी

दुलारचंद यादव हत्याकांड के आरोप में पुलिस ने अनंत सिंह पर केस दर्ज किया। शनिवार रात में करीब 150 पुलिस वालों के साथ टीम अनंत सिंह के बाढ़ थाना क्षेत्र के बेढ़ना में कारगिल चौक स्थित घर पहुंची थी। इसे पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा लीड कर रहे थे। खुद एसएसपी घर के अंदर दाखिल हुए और अनंत अनंत सिंह को दबोच लिया। करीब 11 घंटे तक अनंत सिंह को पुलिस ने रंगदारी सेल में रखा। ताया जाता है कि वो रात भर सोए नहीं और पुलिस से कहते रहे कि घटना के वक्त मैं काफिले के साथ आगे निकल चुका था, पीछे क्या हुआ मुझे पता नहीं।

कोर्ट ने अनंत सिंह को भेजा जेल

पुलिस ने सोमवार को अनंत सिंह का मेडिकल करवाया और कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने बाहुबली नेता को 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे बेऊर जेल भेज दिया। पुलिस ने इस दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। अनंत सिंह 6 सितंबर को बेऊर जेल से बाहर आए थे और तीन माह फिर उन्हें इसी जेल में जाना पड़ गया। इनसब के बीच बाहुबली की गिरफ्तारी के बाद पटना डीएम डॉ, त्यागराजन और एसएयपर कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। डीएम ने बताया, मोकामा विधानसभा क्षेत्र में हुई घटना को जिला प्रशासन और पुलिस ने बहुत गंभीरता से लिया है। हमने मामले में कई कार्रवाई की है। आदर्श आचार संहिता पूरी चुनाव प्रक्रिया का एक मजबूत स्तंभ है।

कुछ इस तरह से बोले डीएम

डीएम ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर कोई असामाजिक तत्व कानून या आदर्श आचार संहिता के खिलाफ जाने की कोशिश करता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमने 100 फीसदी हथियार जमा करने के निर्देश दिए हैं। सभी वैध हथियार जल्द ही जमा कर दिए जाएंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में 50 से अधिक चेकिंग पॉइंट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सीएपीएफ भी जांच करेगी। पटना से सबसे ज्यादा जब्ती की गई है। पर्याप्त सीएपीएफ जवानों को तैनात किया गया है। वे पुलिस और मजिस्ट्रेट के साथ समन्वय में काम कर रहे हैं। अवैध हथियारों को जब्त करने के लिए छापेमारी की जा रही है।

कुछ इस तरह से बोले SSP

पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया, 30 अक्टूबर को 2 प्रत्याशियों के गुटों में झड़प हो गई। पथराव हुआ, जिससे कई लोग घायल हो गए। घटना के बाद एक शव बरामद किया गया। मृतक, 75 वर्षीय दुलारचंद यादव, उसी गांव के निवासी थे जहां यह झड़प हुई थी। दोनों पक्षों ने मामला दर्ज कराया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। साक्ष्यों, प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया गया और यह एक गंभीर मामला है। यह पाया गया कि यह सब प्रत्याशी अनंत सिंह की मौजूदगी में हुआ, जो इस मामले में मुख्य आरोपी भी हैं। अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके साथी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी उनके साथ गिरफ्तार किया गया है।

2011 बैच के बिहार कैडर के आईएएस

दरअसल, अनंत सिंह लंबे समय से विवादों और आपराधिक मामलों से जुड़े रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मोकामा और आस-पास के इलाकों में पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके। अब अगर बात करें उन दो अधिकारियों की, जिन्होंने इस कार्रवाई को अंजाम दिया, तो सबसे पहला नाम आता है पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एम.एस. का। वे 2011 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और मूल रूप से कोयंबटूर (तमिलनाडु) के रहने वाले हैं। उन्होंने कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज से 2008 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। डॉक्टर बनने के बाद भी उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया और पहले 2010 में आईपीएस, फिर 2011 में आईएएस बने।

 पूरे देश में हो रही डीएम की चर्चा

डीएम डॉ. त्यागराजन एम.एस. का प्रशासनिक सफर पूर्णिया जिले से प्रशिक्षु अधिकारी के रूप में शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने पटना सिटी के एसडीओ, बिहार शरीफ नगर निगम के आयुक्त, 2015 में नालंदा के डीएम, 2019 में दरभंगा के डीएम और 2021 के अंत में गया के डीएम के रूप में कार्य किया। वर्तमान में वे पटना के डीएम के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और प्रशासनिक सख्ती के लिए जाने जाते हैं। डीएम डॉ. त्यागराजन एम.एस एक तेज तर्राक आईएएस अफसर हैं। जानकार बताते हैं कि वह कभी दबाव पर काम नहीं करते। जिस तरह से अनंत सिंह पर एक्शन हुआ, इसके बाद डीएम डॉ. त्यागराजन एम.एस की चर्चा पूरे देश में हो रही है। लोग सोशल मीडिया पर आईएएस अफसर की प्रशंसा कर रहे हैं।

2014 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी

पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा की बात करें तो वे 2014 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और झारखंड के मूल निवासी हैं। उन्होंने बी.टेक के साथ पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट भी किया है। जून 2025 में उन्हें पटना का वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकनियुक्त किया गया था। इससे पहले वे पूर्णिया जिले में एसएसपी रहे, जहां उन्होंने कई जघन्य अपराधों का सफलतापूर्वक खुलासा किया था। उनकी छवि एक सख्त और परिणाम देने वाले पुलिस अधिकारी की रही है। पटना प्रशासन की इस कार्रवाई से एक बार फिर यह संदेश गया है कि चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार और प्रशासन दोनों ही पूरी तरह सजग हैं। एसएसपी ने दो टूक शब्दों में कहा कि कानून को हाथ में लेने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

 

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