प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश के दौरे पर पहुंचे है..जहां आज देश आज़ादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है..साथ ही स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती पर समारोह का आयोजन किया गया है..
अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की है.. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी भी मौजूद रहे..उनके साथ आंध्र प्रदेश के भीमावरम में में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती की आयोजन किया गया है..
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आज़ादी का अमृत महोत्सव है…आज ही स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती है और संयोग देखिए इसी समय से देश की आजादी के लिए हुई रम्पा क्रांति को 100 साल पूरे हो रहे हैं..
रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भीमावरम में स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती किया गया..उन्होंने कही अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जन्म जयंती और रम्पा क्रांति की 100वीं वर्षगांठ को पूरे वर्ष मनाया जाएगा..
उन्होंने अपने संबोधन कहा कि आज अमृतकाल में इन सेनानियों के सपनों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी हम सभी देशवासियों की है..हमारा नया भारत इनके सपनों का भारत होना चाहिए.. एक ऐसा भारत जिसमें गरीब, किसान, मजदूर, पिछड़ा, आदिवासी सबके लिए समान अवसर हों..
आदिवासी गौरव और विरासत को प्रदर्शित करेंगे आदिवासी संग्रहालय
आज़ादी के बाद पहली बार, देश में आदिवासी गौरव और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आदिवासी संग्रहालय बनाए जा रहे हैं..आंध्र प्रदेश के लंबसिंगी में ‘अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल जन- जातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय’ भी बनाया जा रहा है..
सीताराम राजू गारू ने जब विदेशी हुकूमत के अत्याचारों के ख़िलाफ़ जंग शुरू की थी तब उनकी उम्र केवल 24-25 साल थी..27 साल की छोटी उम्र में वे इस भारत माता के लिए शहीद हो गए..रम्पा क्रांति में भाग लेने वाले भी कितने ही नौजवानों ने ऐसे ही आयु में देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी..
‘वोकल’ फॉर लोकल
‘वोकल फॉर लोकल’ आदिवासी कला कौशल को आय का साधन बना रहा है..दशकों पुराने क़ानून जो आदिवासी लोगों को बांस जैसी वन-उपज को काटने से रोकते थे, हमने उन्हें बदलकर वन-उपज पर अधिकार दिये