Vidhan Sabha Election: पाटन में शंभूराज देसाई और सत्यजीत पाटणकर के बीच कड़ा मुकाबला, कैसा रहा 2019 का समीकरण?

Maharashtra Vidhan Sabha Election 2024: पाटन विधानसभा सीट पर शिवसेना के शंभूराज देसाई विजयी रहे. इस सीट पर कांटे का मुकाबला था. पाटण में शंभुराज देसाई और एनसीपी के सत्यजीत सिंह पाटणकर के बीच मुकाबला था.

Patan Assembly

Patan Assembly: पाटन विधानसभा क्षेत्र में आगामी चुनावों में रोचक समीकरण देखने को मिल रहे हैं। वर्तमान विधायक और शिवसेना के नेता शंभूराज देसाई, जिन्होंने पिछले दो चुनावों में एनसीपी के सत्यजीत पाटणकर को हराया है, अब तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। इस बार पाटनकर ने देसाई पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और उनकी जीत के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के नेता हर्षद कदम भी चुनावी दौड़ में शामिल हो गए हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है। मुंबई में रहने वाले Patan Assembly के 40,000 मतदाताओं के समर्थन को लेकर संघर्ष और भी बढ़ने की उम्मीद है। इस बार यह मुकाबला बेहद दिलचस्प होने की संभावना है।

शंभुराज देसाई को 1,06,266 वोट मिले, जबकि सत्यजीत पाटणकर को 92,091 वोट प्राप्त हुए। पाटण में इस बार भी कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी, और इस सीट पर एक बार फिर देसाई और पाटणकर चुनावी मैदान में आमने-सामने होंगे। विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। महाविकास अघाड़ी की ओर से सीट का आवंटन नहीं होने के बावजूद, सतारा जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र से मंत्री शंभुराज देसाई के खिलाफ सत्यजीत पाटणकर की उम्मीदवारी की घोषणा जयंत पाटील ने की है। वहीं, सत्यजीत पाटणकर ने शंभुराज देसाई पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्हें हराने की ठान ली है। दूसरी ओर, ठाकरे गुट के हर्षद कदम ने भी पाटण पर अपना दावा पेश किया है।

जगह न मिली तो हो सकता है विद्रोह

सतारा जिले के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से पाटन विधानसभा क्षेत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। शिवसेना नेता और राज्य के उत्पाद शुल्क मंत्री शंभुराज देसाई, जो एकनाथ शिंदे गुट से हैं, पाटन निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। यहां की चुनावी लड़ाई पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों, पाटणकर और देसाई के बीच रही है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी दोनों एक बार फिर आमने-सामने होंगे।

मुंबई में अहम वोट पर फोकस

पाटन विधानसभा क्षेत्र के लगभग 40 हजार मतदाता काम के सिलसिले में मुंबई में रहते हैं, जिससे यह लड़ाई पाटन तक सीमित नहीं रहेगी। चुनावी अभियान मुंबई तक फैलेगा, जहां पाटणकर और देसाई दोनों के समर्थकों ने काम करना शुरू कर दिया है। अब इस चुनावी समर में उद्धव ठाकरे गुट भी कूद पड़ा है। पिछले ढाई साल से पार्टी ने मुंबई के महत्वपूर्ण चुनावों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।

शिवसेना से अलग हुए बागी आज भी याद किए जाते हैं

मुख्यमंत्री शिंदे की बगावत में संरक्षक मंत्री शंभुराज देसाई ने अहम भूमिका निभाई थी। महाविकास अघाड़ी सरकार को गिराने के लिए शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों द्वारा किए गए विद्रोह में देसाई सबसे आगे थे। वह पहली बार सूरत पहुंचे थे और असंतुष्ट विधायकों से बातचीत की शुरुआत की थी। शंभुराज देसाई आज मुख्यमंत्री शिंदे के सबसे करीबी माने जाते हैं। हालांकि, जब उन्होंने विद्रोह किया, तो पाटन में कई शिवसैनिक उनके इस फैसले से असहमत होकर उद्धव सेना के साथ बने रहे। इनका नेतृत्व हर्षद कदम कर रहे हैं।

पाटन विधानसभा क्षेत्र में शंभूराज देसाई और सत्यजीत पाटणकर के बीच कडा मुकाबला होणे की संभावना !

देसाई के लिए चुनौतीपूर्ण चुनाव

हालांकि पाटन विधानसभा के मौजूदा विधायक ने पार्टी छोड़ दी है, लेकिन हर्षद कदम ने उद्धव सेना से टिकट की मांग की है। वह पिछले ढाई साल से मुंबई के विभिन्न इलाकों में समर्थकों से संपर्क में हैं। अगर सत्यजीत पाटणकर और हर्षद कदम एकजुट होते हैं, तो वे पाटन में ग्रैंड अलायंस के सामने एक बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं।

देसाई तीसरी बार मैदान में

शिवसेना के शंभुराज देसाई ने 2014 और 2019 में लगातार दो बार एनसीपी के सत्यजीत पाटणकर को हराया। राज्य में मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए निधि लाई। इस बार वह तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, बीच-बीच में शिवसेना नेता सुषमा अंधारे द्वारा की गई आलोचनाओं ने भी उन्हें चर्चा में रखा।

2019 का चुनावी समीकरण

2019 के विधानसभा चुनाव में शंभुराज देसाई को पाटन विधानसभा क्षेत्र से 1,06,266 वोट मिले थे, जबकि सत्यजीत पाटणकर को 92,091 वोट मिले थे। इसी कारण इस बार फिर कड़ी टक्कर की संभावना जताई जा रही है। वहीं, हर्षद कदम, जो उद्धव ठाकरे गुट से हैं, भी टिकट के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।

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