Auto News: नई कार या बाइक खरीदते समय कई बार डीलर बिल में ऐसे चार्ज जोड़ देते हैं, जिनकी जरूरत नहीं होती। ग्राहक को बिना जानकारी के ये पैसे देने पड़ते हैं। लेकिन अगर आप पहले से इन चार्ज के बारे में जानते हैं, तो आप इनसे बच सकते हैं और अपने पैसे बचा सकते हैं। आइए जानते हैं, किन चार्ज को देने से बचना चाहिए।
हैंडलिंग या लॉजिस्टिक चार्ज
कुछ डीलर गाड़ी को डीलरशिप तक लाने के नाम पर ‘हैंडलिंग चार्ज’ या ‘लॉजिस्टिक चार्ज’ जोड़ देते हैं। यह चार्ज पहले से ही गाड़ी की कीमत में शामिल होता है, इसलिए आपको इसे अलग से देने की जरूरत नहीं है। यह चार्ज लेना कानूनी रूप से गलत है।
आरटीओ एजेंट फीस
गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार ने एक निश्चित फीस तय की है। लेकिन कई डीलर इस प्रक्रिया के लिए ‘एजेंट फीस’ या ‘सर्विस चार्ज’ के नाम पर ज्यादा पैसे मांगते हैं। आप खुद आरटीओ जाकर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं और इस अतिरिक्त खर्च से बच सकते हैं।
एसेसरीज का जबरदस्ती शुल्क
गाड़ी के साथ आने वाले एक्सेसरीज जैसे सीट कवर, मड फ्लैप्स, मैट्स आदि के लिए कई डीलर जबरदस्ती पैसे मांगते हैं। जबकि यह पूरी तरह वैकल्पिक होता है। आप चाहें तो यह सामान बाहर से भी खरीद सकते हैं, जिससे आपको सस्ता और अच्छा विकल्प मिल सकता है।
फाइनेंस पर अतिरिक्त चार्ज
अगर आप गाड़ी लोन पर खरीद रहे हैं, तो डीलर फाइनेंस कंपनी के साथ मिलकर ब्याज दरों में छेड़छाड़ कर सकता है। बेहतर होगा कि आप सीधे बैंक या फाइनेंस कंपनी से संपर्क करें और ब्याज दर व अन्य चार्ज की सही जानकारी लें। कई बैंकों से तुलना करने के बाद ही फाइनेंस का फैसला लें।
इंश्योरेंस में अधिक शुल्क
डीलर द्वारा दी गई इंश्योरेंस पॉलिसी कई बार बाजार दर से महंगी होती है। इसलिए अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों के प्लान चेक करें और जो सबसे सस्ता और बेहतर लगे, वही चुनें। ऐसा करने से आप इंश्योरेंस के पैसे भी बचा सकते हैं।
प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) चार्ज
गाड़ी की डिलीवरी से पहले डीलर द्वारा उसकी जांच (PDI) की जाती है। यह उनकी जिम्मेदारी होती है, इसके लिए ग्राहक से पैसे मांगना गलत है। अगर कोई डीलर इस चार्ज की मांग करे, तो उसे मना कर देना चाहिए।