Car Taxes Update 2024: भारत में कार ख़रीदना हर इंसान के बस की बात नहीं है मध्यम वर्गीय व्यक्ति ही इसको एफ़ोर्ड कर सकता है लेकिन क्या आपको पता है के जब आप शोरूम में कोई नई गाड़ी खरीदने के लिए जाते हैं तो उस गाड़ी के लिए आपको कितना टैक्स देना होता हैं तथा उस गाड़ी की असली क़ीमत क्या है आपका जवाब भी अगर ना है तो आइये जानते हैं के एक कार के लिये आप कितना टैक्स भर रहे और कितना फ़ायदा शो
कैसे बढ़ती है क़ीमत
भारत में चाहे कोई भी कार बनाने वाली कंपनी हो जब वो अपने प्लांट में गाड़ी बनाती है तो उस पर जो लागत आती हैं यानी कि उस गाड़ी की जो प्रोडक्शन कॉस्ट (Car Taxes) हैं वो कितनी होती हैं।फिर जब वही गाड़ी शोरूम पर जाती है बिकने के लिए तब उसके दाम बढ़ चुके होते हैं और फिर जब आप उसे खरीद कर अपने घर लाते हैं तब उस पर कितने टैक्स और लग जाते हैं।
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गाड़ी खरीदने पर शोरूम में जो आपको कीमत बताई जाती हैं उस पर पहले से ही दो तरह के टैक्स लग चुके होते हैं एक तो जी.एस.टी. और दूसरा कंपनसेशन टैक्स।इसके बाद आपको उस गाड़ी की कीमत बताई जाती हैं।चाहे कोई भी गाड़ी हो उसकी प्रोडक्शन कॉस्ट तो कम ही होती हैं पर उसपर रोड टैक्स, जी.एस.टी. और कंपनसेशन टैक्स लगाकर उसकी कीमत बढ़ जाती हैं। ये टैक्स निर्भर करता है के गाड़ी कौन सी और कितनी छोटी या बड़ी है जैसे पेट्रोल की 1200 सीसी से कम वाली गाड़ी में 28% जी.एस.टी. लगता हैं और साथ ही रोड टैक्स अलग से लगता हैं।
कितना होता है मुनाफ़ा
चलिए बात करते हैं कि जब भी कोई गाड़ी बिकती हैं तो उससे डीलर को कितना फायदा होता है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के द्वारा करवाये गए सर्वे के माध्यम से पता चला है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत मे डीलर का मार्जिन कम होता हैं। लेकिन फिर भी एक डीलर को गाड़ी की एक्स-शोरूम की कीमत के ऊपर 2.5-5% तक का मार्जिन मिलता हैं। उदाहरण के तौर पर अगर कोई 15 लाख की गाड़ी (Car Taxes) बिकती है तो उस पर डीलर को केवल 75 हज़ार रुपए का कमीशन मिलेगा।