Ayodhya News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या महायोजना 2031 से संबंधित प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए कहा कि अयोध्या का विकास भव्यता, आस्था और आधुनिकता — तीनों का संतुलित संगम होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस योजना का उद्देश्य अयोध्या को सुव्यवस्थित, सुनियोजित और सतत विकास के साथ विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विकास कार्यों के दौरान अयोध्या की सांस्कृतिक पहचान, धार्मिक गरिमा और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
ऐसी है सर्वांगीण विकास की रूपरेखा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘अयोध्या विज़न 2047’ के अंतर्गत शहर को एक वैश्विक आध्यात्मिक नगरी, ज्ञान और उत्सव का केंद्र, तीर्थ-अनुकूल अवसंरचना, विविधीकृत पर्यटन केंद्र, और हरित व सौर ऊर्जा आधारित आधुनिक शहर के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि यह महायोजना अयोध्या के सस्टेनेबल और योजनाबद्ध विकास की आधारशिला बनेगी।
बैठक में प्रस्तुत विवरण के अनुसार, अयोध्या महायोजना 2031 का लक्ष्य शहर को एक ग्लोबल स्पिरिचुअल एंड टूरिज़्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना है। इसके तहत पूरे विकास क्षेत्र को 18 जोनों में बांटा गया है ताकि भूमि का संतुलित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। प्रस्तावित 23.94 लाख की अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए भूमि का 52.56% भाग आवासीय, 5.11% वाणिज्यिक, 4.65% औद्योगिक, 10.28% सार्वजनिक उपयोग, 12.20% परिवहन और 14.31% हरित एवं खुले क्षेत्रों के लिए नियोजित किया गया है।
जनसंख्या के अनुरूप लागू होगी विकास योजना
वर्तमान में अयोध्या की जनसंख्या लगभग 11 लाख है, जो 2031 तक 24 लाख और 2047 तक करीब 35 लाख होने का अनुमान है। इस अनुमान के आधार पर महायोजना में नए आवासीय टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, मल्टी-लेवल पार्किंग, 84 कोसी परिक्रमा मार्ग, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, रिंग रोड, एयरपोर्ट, टेंपल म्यूज़ियम, सौर ऊर्जा संयंत्र, होटल और अन्य आधुनिक नागरिक सुविधाओं को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन परियोजनाओं से अयोध्या को एक स्मार्ट, सुरक्षित और आत्मनिर्भर नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। वर्तमान में अयोध्या विकास क्षेत्र में 159 निवेश परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें करीब 8,594 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है।
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इन योजनाओं से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या अब सड़क, रेल और वायु मार्ग से उत्कृष्ट रूप से जुड़ चुकी है। यातायात और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के आधुनिकीकरण से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने निर्देश दिए कि लखनऊ, प्रयागराज, गोण्डा और अंबेडकर नगर की दिशा में बस व ट्रक टर्मिनल और पार्किंग की व्यवस्था विकसित की जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता से जुड़ी इन परियोजनाओं में नवाचारों को बढ़ावा दिया जाए और जहां संभव हो, देसी तकनीक व मॉडल अपनाए जाएं।
आस्था, सौंदर्य और समृद्धि का संगम
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अयोध्या का विकास केवल धार्मिक पर्यटन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक प्रगति का प्रेरक उदाहरण बने। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर विकास परियोजना पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ हो और सरयू नदी के तटों व हरित पट्टियों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि अयोध्या मात्र एक शहर नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है। इसे इस प्रकार विकसित किया जाए कि आने वाली पीढ़ियां इसे आस्था, सौंदर्य और समृद्धि के संगम के रूप में देखें। मुख्यमंत्री ने यह भी चेताया कि बढ़ते विकास के बीच अनियोजित प्लॉटिंग और बसावट को सख्ती से रोका जाए, ताकि शहर का सुनियोजित स्वरूप सुरक्षित रह सके।










