Azam Khan release: करीब 23 महीने बाद सीतापुर जेल से बाहर आए सपा के कद्दावर नेता आजम खान की रिहाई ने उत्तर प्रदेश की सियासत को फिर गरमा दिया है। जेल के बाहर समर्थकों की भीड़ उमड़ी और माहौल जश्न में डूबा रहा। इस दौरान आजम के बेटों अदीब और अब्दुल्ला के साथ मुरादाबाद सांसद व उनकी करीबी मानी जाने वाली रुचि वीरा भी मौजूद रहीं। रुचि वीरा न केवल आजम खेमे की खास मानी जाती हैं, बल्कि खुद उनकी सियासी यात्रा में आजम खान का सीधा असर रहा है। उनकी मौजूदगी से साफ संदेश गया कि आजम की रिहाई महज एक व्यक्तिगत राहत नहीं, बल्कि सपा और यूपी की राजनीति में नए समीकरणों का सूत्रपात हो सकती है।
#WATCH | Shahjahanpur, UP: On a question of vendetta politics, after being released from Sitapur jail, SP leader Azam Khan says, "Vendetta comes into play only if I caused someone some harm. I have behaved well, even with my enemies. Nobody can claim that I did an injustice to… pic.twitter.com/esc1cadzrk
— ANI (@ANI) September 23, 2025
Azam Khan की रिहाई के मौके पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए आजम खान को नई पार्टी बनाने की सलाह दी। मौलाना का कहना था कि आजम ने समाजवादी पार्टी को खून-पसीने से सींचा, लेकिन संकट की घड़ी में अखिलेश ने उनका साथ छोड़कर एहसान फरामोशी की। उनका दावा है कि अगर 2027 में आजम नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ते हैं तो यूपी का मुसलमान उनके साथ खड़ा होगा और इससे सपा की असली ताकत का अंदाजा होगा।
Azam Khan की: सपा ने किया जोरदार स्वागत, किसी भी तरह के विभाजन की अफवाहों का खंडन
VIDEO | Sitapur: “We will celebrate today as a victory of justice,” Samajwadi Party MP Ruchi Veera on party leader Azam Khan being released from Sitapur Jail after several months. pic.twitter.com/OcATNQDnTW
— Press Trust of India (@PTI_News) September 23, 2025
रिहाई के दिन सुबह कागजी कार्रवाई में अड़चन आने के कारण आजम की रिहाई कुछ देर अटकी रही। दोपहर करीब 12.15 बजे वह सीतापुर जेल से निकले और बेटे अदीब व अन्य करीबी साथियों के साथ इनोवा कार से रामपुर के लिए रवाना हुए। इस दौरान जेल परिसर और बाहर उनके समर्थकों का भारी जमावड़ा देखने को मिला।
आजम के परिवार और समर्थकों के साथ सांसद रुचि वीरा भी सीतापुर जेल के बाहर डटी रहीं। उन्होंने कहा कि यह इंसाफ की जीत है और पूरी दुनिया ने देखा कि आजम के साथ अन्याय हुआ। रुचि ने दावा किया कि अब लोग बेसब्री से उनके बीच आने का इंतजार कर रहे हैं।
रुचि वीरा का राजनीतिक सफर भी आजम खान से गहराई से जुड़ा रहा है। बिजनौर की मूल निवासी रुचि पहली बार 2013 के उपचुनाव में विधायक बनीं। 2017 में हार के बाद कुछ समय बसपा में रहीं, लेकिन फिर से सपा में लौट आईं। 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मुरादाबाद सीट से टिकट दिलाने में भी आजम खान की अहम भूमिका रही। अखिलेश यादव पर दबाव डालकर आजम ने ही रुचि को उम्मीदवार बनवाया और वह चुनाव जीतकर सांसद बनीं।
Azam Khan की रिहाई के बाद जहां उनके समर्थकों में खुशी की लहर है, वहीं उनकी अगली राजनीतिक रणनीति को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। मौलाना रजवी के बयान और रुचि वीरा की मौजूदगी इस बात का संकेत हैं कि आने वाले समय में यूपी की राजनीति में बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते हैं।