वाह रे जेल! बंदी ने 17 महीने में जेल के खाते से उड़ाए $52 लाख, सरकारी पैसे से बहन की शादी की और खरीदी बुलेट; सुपरिटेंडेंट सस्पेंड

यह आजमगढ़ जेल का सबसे हैरान करने वाला घोटाला है! एक बंदी ने वरिष्ठ जेल सुपरिटेंडेंट के खाते से फर्जी दस्तखत कर 17 महीनों में $52 लाख से अधिक निकाल लिए। अब जेल सुपरिटेंडेंट सस्पेंड हो गए हैं, और मुख्य आरोपी ने इन पैसों से बहन की शादी की और एक बुलेट भी खरीदी।

Azamgarh

Azamgarh Jail: आजमगढ़ जेल में हुआ ‘टाइटैनिक’ से भी बड़ा घोटाला! एक शातिर बंदी ने जेल की तिजोरी को ऐसे लूटा कि बड़े-बड़े फिल्मी चोर भी शर्मा जाएं। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिला कारागार के जेल सुपरिटेंडेंट आदित्य कुमार को उनके पद से हटाकर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। क्यों? क्योंकि जेल की चारदीवारी के भीतर से एक बंदी ने, जिसका नाम रामजीत यादव उर्फ संजय है, पूरे 52 लाख 85 हज़ार रुपए पर हाथ साफ कर दिया! 17 महीनों तक, यह ‘सुपर चोर’ बंदी, जेल सुपरिटेंडेंट के फर्जी दस्तखत करके, सरकारी बैंक खाते से धीरे-धीरे पैसा निकालता रहा और किसी को कानो-कान खबर तक नहीं हुई। यह तो वही बात हुई, ‘चोर की दाढ़ी में तिनका, और जेल सुपरिटेंडेंट की नाक के नीचे से पूरा बैंक खाली!’ अब सवाल ये है कि जेल की सुरक्षा थी या पांच सितारा होटल का खाता?

रामजीत यादव, जो दहेज हत्या के मामले में जेल में बंद था और मई 2024 में जमानत पर छूटा, जेल के भीतर से ही अपना ‘लूट का प्लान’ बना चुका था। उसने जेल के लेखा कार्यालय में काम करते हुए अपने साथी बंदी शिवशंकर और जेल के वरिष्ठ सहायक मुशीर अहमद व चौकीदार अवधेश कुमार पांडेय के साथ मिलकर जेल सुपरिटेंडेंट के नाम से संचालित सरकारी बैंक खाते की पासबुक और चेकबुक चुरा ली

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Azamgarh जेल से बाहर आते ही, इस ‘स्मार्ट अपराधी’ ने नकली मुहर और जेल सुपरिटेंडेंट के फर्जी दस्तखत का इस्तेमाल कर केनरा बैंक से रुपए निकालने शुरू कर दिए। वह भी एक या दो बार नहीं, बल्कि लगभग 25 बार! पूरे 17 महीनों तक वह जेल खाते से पैसे निकालता रहा, जबकि बैंक से लगातार रुपए निकाले जाने के मैसेज जेल सुपरिटेंडेंट के मोबाइल पर आते रहे!

इन रुपयों से क्या किया? सुनिए! रामजीत ने 25 लाख रुपए अपनी बहन की शादी में खर्च किए, 10 लाख का कर्ज चुकाया और तो और $3.75 लाख रुपए की चमचमाती बुलेट मोटरसाइकिल भी खरीदी! बाकी की रकम अन्य आरोपियों ने आपस में बाँट ली। यह सब तब तक चलता रहा जब तक 10 अक्टूबर, 2025 को वित्तीय अनियमितता सामने नहीं आई।

Azamgarh जेल सुपरिटेंडेंट आदित्य कुमार को ‘वित्तीय अनियमितताओं और पदीय कर्तव्यों के सम्यक निर्वहन में विफल पाए जाने’ के कारण सस्पेंड किया गया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी रामजीत यादव सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। अब यह देखना है कि जेल प्रशासन की इस ‘गंभीर चूक’ पर और किस-किस पर गाज गिरती है!

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