Clash Between Two Kinnar Groups: उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की नरेनी कोतवाली सोमवार को युद्ध का मैदान बन गई। यहां किन्नरों के दो गुटों कैटरीना ग्रुप और बनो ग्रुप के बीच क्षेत्र के बंटवारे को लेकर जमकर विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ी कि देखते ही देखते कोतवाली परिसर और सभागार में लात-घूंसे चलने लगे।
हंगामा इस कदर बढ़ा कि पुलिसकर्मियों को दोनों पक्षों को शांत कराने में पसीने छूट गए। जानकारी के मुताबिक, कैटरीना ग्रुप में काजल, शार्मिली, रीना, शिवानी, पिंकी समेत कई किन्नर शामिल थे। वहीं, बनो ग्रुप में जसीमीन, गुड़िया, अंजना, वर्षा, काजल, जाहिनी, महिमा और शालिनी जैसे सदस्य थे। बताया जाता है कि दोनों गुटों के बीच पहले भी झगड़ा हो चुका है। करीब छह महीने पहले भी इन दोनों ग्रुपों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जमकर मारपीट की थी। उस वक्त एक पक्ष ने दूसरे पर जबरन किन्नर बनाने और कानपुर में ऑपरेशन करवाने का आरोप लगाया था। तब भी पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा था और एक किन्नर को जेल भेजा गया था।
मामला फिर गरमाया, पुलिस बनी मूकदर्शक
इस बार फिर वही गुट आमने-सामने आ गए। पुलिस ने उन्हें समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं हुआ। दोनों गुटों के सदस्य नरेनी, कालिंजर, फतेहगंज और गिरवा थाना क्षेत्रों से पहुंचे थे। माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने 27 किन्नरों को शांति भंग करने के आरोप में हिरासत में लेकर एसडीएम न्यायालय में पेश किया। झड़प के दौरान कई किन्नर चोटिल भी हुए।
कोतवाली परिसर में अफरा-तफरी मच गई। पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उनका किसी पर असर नहीं हुआ। आखिरकार एसडीएम अमित शुक्ला ने दोनों गुटों को फटकार लगाते हुए मुचलके पर छोड़ दिया।
अधिकारियों ने दी चेतावनी
क्षेत्राधिकारी कृष्णकांत त्रिपाठी ने बताया कि मारपीट और हंगामा करने वाले सभी किन्नरों को कड़ी चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। उन्हें कहा गया है कि वे अपने विवाद समाज के भीतर बैठकर आपस में सुलझाएं। अगर दोबारा इस तरह का मामला सामने आया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्षेत्रीय वर्चस्व के झगड़े बढ़े
यह पूरा मामला बताता है कि क्षेत्रीय वर्चस्व के झगड़े किस हद तक बढ़ सकते हैं। पुलिस ने भले ही तत्काल स्थिति को काबू में कर लिया हो, लेकिन इस तरह के विवाद समाज में शांति और सम्मान के माहौल को बिगाड़ते हैं। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में अगर कोई भी किन्नर समूह फिर से इस तरह की हरकत करेगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।










