Bareilly Breaking : बरेली में मौलाना तौकीर रज़ा की गिरफ्तारी के बाद जिले में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। यह फैसला अफवाहों को फैलने से रोकने और हालात को शांत बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। इंटरनेट बंद होने से मोबाइल डेटा, ब्रॉडबैंड और अन्य डिजिटल सेवाएं फिलहाल स्थगित कर दी गई हैं।
प्रशासन और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश या झूठी खबरें फैलने की संभावना थी, जिससे शहर का माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो सकता था। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से यह एहतियातन कदम उठाया गया। मौलाना तौकीर रज़ा को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, साथ ही सात अन्य लोगों को भी पकड़ा गया है। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
बीएसएनएल अधिकारियों ने क्या कहा?
बीएसएनएल के महाप्रबंधक पंकज पोरवाल ने जानकारी दी कि जिला प्रशासन के निर्देश पर सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं ने अपनी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। जैसे ही प्रशासन से अनुमति मिलेगी, इंटरनेट सेवाएं दोबारा शुरू कर दी जाएंगी।
कैसे भड़की हिंसा?
दरअसल, बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान के तहत शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग पोस्टर लेकर मस्जिद के बाहर जमा हो गए। पुलिस ने जब उन्हें आगे बढ़ने से रोका तो प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। प्रदर्शन की अनुमति रद्द किए जाने से भी लोग भड़क उठे। पुलिस का कहना है कि मौलाना तौकीर रज़ा के भड़काऊ बयानों के बाद युवा सड़कों पर उतरे, और खलील तिराहा से इस्लामिया ग्राउंड तक अराजक स्थिति पैदा हुई।
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बरेली के जिलाधिकारी अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्या ने संयुक्त प्रेस वार्ता में बताया कि मौलाना तौकीर रज़ा को हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता माना गया है। उनके साथ सरफराज, मनीफुद्दीन, अज़ीम अहमद, मोहम्मद शरीफ, मोहम्मद आमिर, रहान और मोहम्मद सरफराज को भी गिरफ्तार किया गया है। घटनास्थल से जुटाए गए वीडियो फुटेज के आधार पर 36 अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त चेतावनी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि मौलाना को यह भ्रम था कि वे शासन-प्रशासन को चुनौती दे सकते हैं, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में किसी भी कीमत पर अव्यवस्था नहीं फैलने दी जाएगी।
