Bareilly : बरेली में कॉलेज की बेशकीमती जमीन पर माफिया के कब्जे का चौंका देने वाला मामला सामने आया है। बरेली के सबसे पॉश इलाके सिविल लाइंस में स्थित मैथोडिस्ट कॉलेज की जमीन को UNUSED दर्शाकर सौदा कर दिया गया। करोड़ों के खेल में भूमाफिया के साथ मैथोडिस्ट चर्च से जुड़े लोग और अफसरों के शामिल होने के आरोप लगे हैं। कॉलेज की जमीन पर माफिया अपनी बाउंड्री खड़ी कराता रहा और माध्यमिक शिक्षा विभाग से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला सोता रहा। जमीन घोटाले का शोर उठने के बाद बरेली मंडल की कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने मामले की जांच के लिए अफसरों की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है।
ब्रिटिश पीरियड 1871 में रामपुर के नवाब ने बरेली के सिविल लाइंस इलाके में स्थित जमीन को अमेरिकन न्यू वेस्ट मिशन संस्था को दान दी थी, जो अब मैथोडिस्ट चर्च ऑफ इंडिया कहलाता है। समाज की सेवा एवं शिक्षा के प्रसार को दान में मिली जमीन पर संस्था ने मैथोडिस्ट कॉलेज का निर्माण कराया था, जो अभी भी संचालित हो रहा है। कुछ साल पहले कॉलेज की कुछ बेशकीमती जमीन पर भूमाफिया की नजरें जम गई और उसे हड़पने के लिए सुनियोजित खेल शुरू कर दिया।
मैथोडिस्ट चर्च के कथित पदाधिकारी न्यूटन परमार नामक शख्स ने कॉलेज की बेशकीमती 610 वर्ग मीटर जमीन को UNUSED बताकर माफिया ग्रुप को लीज पर दे दिया। लीज 610 वर्गमीटर की हुई और कोतवाली-चौकी चौराहा रोड पर स्थित 22 सौ मीटर जमीन पर कब्जा कर लिया गया।
इस पूरे खेल में चर्च से जुड़े न्यूटन परमार और आशीष मैसी के साथ माफिया सुमित भारद्वाज, हरीश अरोड़ा जैसे दबंगों का नाम सामने आया तो इसकी शिकायत शासन-प्रशासन से की गई, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। आरोपी सुमित भारद्वाज अक्सर पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के साथ उनके दफ्तरों में गुफ्तगू करता देखा जाता है और पहले भी उसका नाम शहर में जमीनों पर अवैध कब्जे को लेकर उछलता रहा है।
महेश पांडेय नामक शख्स की शिकायत पर अब बरेली की मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने कॉलेज की जमीन हड़पने के मामले में संज्ञान लिया है। कमिश्नर ने मैथोडिस्ट कॉलेज की करोड़ों की जमीन पर कब्जे के मामले की जांच को बरेली विकास प्राधिकरण के सचिव, एसडीएम और तहसीलदार की तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। देखना ये है कि जांच की आंच कहां तक पहुंचती है।