Bhartruhari Mahtab: लोकसभा के अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की है। लोकसभा सत्र के मद्देनजर ओडिशा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद Bhartruhari Mahtab को इस पद पर नियुक्त किया गया है। वे अगले स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति तक सदन में स्पीकर की सभी जिम्मेदारियां निभाएंगे।
यह लोग मदद करेंगे
भाजपा सांसद Bhartruhari Mahtab को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के अनुसार प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सुरेश कोडिकुन्नील, थलिककोट्टई राजुथेवर बालू, राधामोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को भी नियुक्त किया गया है। उन्होने कहा कि भर्तृहरि महताब लोकसभा अध्यक्ष चुनाव होने तक पीठासीन अधिकारी होंगे।
सातवीं बार इस सीट पर कब्जा
Bhartruhari Mahtab महताब ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजू जनता दल (बीजद) छोड़कर भाजपा में शामिल हो गया था। उन्होंने क्षेत्रीय पार्टी की पिछली कार्रवाई से असंतुष्ट होकर पार्टी छोड़ दी। महताब, जो 1998 से बीजद के टिकट पर कटक सीट से छह बार जीता था, इस बार भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा था। बीजद के संतरूप मिश्रा को 57 हजार 77 वोटों से हराया गया था। वर्तमान में वह भाजपा के सांसद हैं। 24 जून को 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होगा। नवनिर्वाचित सदस्य 24 और 25 जून को शपथ लेंगे। 26 जून को फिर नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।
भर्तृहरि महताब कौन हैं?
भर्तृहरि महताब का जन्म ओडिशा के अगपदा जिले के भद्रक में आठ सितंबर 1957 को हुआ था। वह ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री डॉ. हरेकृष्ण महताब का बेटा है। वह राजनीतिक लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। शिक्षा की बात करें तो उन्होंने 1978 में उत्कल यूनिवर्सिटी के रावेनशॉस कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद वह राजनीति में सक्रिय हो गए। 1998 में, वे बीजद की टिकट पर पहली बार कटक लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में कटक सीट से लगातार जीत दर्ज की। वह छह बार बीजद से चुनकर सांसद चुने गए।
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भाजपा के पाले में Bhartruhari Mahtab कैसे आए?
लेकिन इस साल महताब ने पाला बदल लिया, तो राजनीतिक गलियारे में हलचल मच गई। 28 मार्च 2024 को वह बीजद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। महताब की राजनीति पर इसका कोई प्रभाव नहीं था। वह इस बार बीजद के संतरूप मिश्रा को 57077 वोटों से पराजित करने के लिए भाजपा की टिकट पर मैदान में उतरे। यही कारण था कि वह सातवीं बार भी सांसद चुने गए।
इस पुरस्कार से पुरस्कृत
2017 में महताब को उत्कृष्ट सांसद पुरस्कार मिला था। संसद रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, क्योंकि वे ‘वाद-विवाद’ में उत्कृष्ट थे।
प्रोटेम स्पीकर का चुनाव क्यों किया जाता है?
संसद का अस्थाई अध्यक्ष प्रोटेम स्पीकर होता है। नियमित स्पीकर का चुनाव नहीं होने पर यह नियुक्ति की जाती है। Voting Speaker चुने गए सदस्यों को शपथ दिलाना है। इसके अलावा, नए स्पीकर को चुनना होगा। नए स्पीकर के चयन के बाद प्रोटेम स्पीकर की पदावधि समाप्त होती है।