UP: यूपी में सियासत गर्म हो गई है। भाजपा-सपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने समाजवाजी पार्टी के चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के उस बयान की खिल्ली उड़ाई है, जिसमें उन्होंने मौर्य को 100 विधायकों के साथ सपा में शामिल होने पर मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी. केशव प्रसाद मौर्या ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जैसे पानी से बाहर निकलने के बाद मछली तड़पती है, वैसे ही अखिलेश यादव सत्ता से बेदखल होने के बाद से तड़प रहे हैं. समाजवादी पार्टी अब समाप्तवादी हो गई है. सपा के 113 विधायकों में से 100 विधायक बीजेपी के साथ आने के लिए तैयार बैठे हैं.
केशव प्रसाद मौर्या ने कहा, ”अभी हमें तोड़ने की जरूरत नहीं है. हमारी सरकार मजबूती से चल रही है. अखिलेश मेरे नहीं बल्कि बीजेपी और पिछड़ों को विरोधी हैं. वह ऐसे ऑफर देकर मीडिया में चर्चा पाने की कोशिश कर रहे हैं. वह घटिया भाषा का इस्तेमाल करते हैं.”
अखिलेश के बयान पर बीजेपी हमलावर है. बीजेपी केप्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा है कि मौर्य किसी स्वार्थ में पड़ने वाले नेता नहीं हैं. अखिलेश यादव अपने गठबंधन और परिवार की चिंता करें, क्योंकि उनके (सपा गठबंधन के) विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, केशव जी संगठन के, पार्टी के प्रमाणित एवं भाजपा की विचारधारा के लिए समर्पित कार्यकर्ता हैं. वह सदैव हमारे साथ रहेंगे, (वह) किसी स्वार्थ में पड़ने वाले नेता नहीं हैं. वह अखिलेश यादव को चलाएंगे, अखिलेश यादव उन्हें क्या चला पाएंगे. चौधरी ने दावा किया, अखिलेश यादव अपने गठबंधन, अपने परिवार की, अपनी पार्टी और अपने विधायकों की भी चिंता कर लें, क्योंकि उनके विधायक हमारे संपर्क में हैं.
अखिलेश यादव ने क्या कहा था?
अखिलेश यादव ने एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बिहार में हाल में हुए राजनीतिक घटनाक्रम से सबक लेते हुए अपने साथ 100 विधायक लेकर सपा में शामिल हो जाएं तो वह (सपा अध्यक्ष) उन्हें (मौर्य को) मुख्यमंत्री बना देंगे.
पिछड़ी जातियों के बड़े नेता माने जाते हैं केशव प्रसाद मौर्य
गौरतलब है कि केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश की पिछड़ी जातियों के बड़े नेता माने जाते हैं और योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली पिछली सरकार की तरह मौजूदा सरकार में भी उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. प्रदेश में बीजेपी गठबंधन के पास 403 में से 273 विधायक हैं, जबकि समाजवादी पार्टी गठबंधन के कुल 125 सदस्य हैं.