आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा मुश्किल में फंस गए हैं। मुश्किल ऐसी है कि राघव चड्ढा की सांसदी पर भी खतरा है। इसकी वजह सोमवार को राज्यसभा में हुई ऐसी घटना है, जिसमें 6 सांसदों ने राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है। हालांकि, राघव चड्ढा कह रहे हैं कि जब उनको विशेषाधिकार समिति नोटिस भेजेगी, तो उसका जवाब वो दे देंगे। फिर भी मीडिया का सामना करने से वो बचते हुए दिखे। आपको हम बताते हैं कि आखिर आप के सांसद राघव चड्ढा किस वजह से विशेषाधिकार हनन के मामले में घिर गए हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि राज्यसभा में सोमवार को दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल पर चर्चा और वोटिंग थी। वोटिंग से पहले तमाम विपक्षी सांसदों ने बिल को सदन की सेलेक्ट कमेटी यानी प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव दिया था। राघव चड्ढा ने भी बिल को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव दिया। उप सभापति जब राघव चड्ढा के इस प्रस्ताव को पढ़ रहे थे, तो उन्होंने प्रस्ताव के पक्ष में सांसदों का नाम भी पढ़ा। इनमें से 6 सांसद ऐसे दलों से थे, जो बिल का समर्थन कर रहे थे। सभी छह सांसदों ने उप सभापति से शिकायत की कि बिना उनकी मंजूरी या दस्तखत के राघव चड्ढा ने प्रवर समिति के लिए नाम दिया है। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर उप सभापति से जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग कर दी। उप सभापति ने इस पर कहा कि वो जांच कराएंगे। जिन छह सांसदों ने राघव चड्ढा पर दस्तखत में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है, उनमें बीजेपी के सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन, एस फांगनोन, बीजेडी के सस्मित पात्रा, एआईएडीएमके के थंबीदुरै और वाईएसआरसीपी के निरंजन रेड्डी हैं। इन सांसदों ने सदन के बाहर क्या कहा, ये आप सुनिए।
नोटिस मिलने पर मीडिया को देंगे जवाब
उधर, राघव चड्ढा जब सदन से बाहर आए, तो मीडिया ने इस बारे में उनसे अपनी बात रखने को कहा। राघव चड्ढा इस दौरान मीडिया से बचकर निकलने की कोशिश करते दिखे। राघव चड्ढा मीडिया के सवालों पर सिर्फ इतना बोले कि जब नोटिस मिलेगा, तो जवाब देंगे। इसके बाद वो गाड़ी में बैठकर वहां से चले गए।
इस मामले में राघव चड्ढा मुश्किल में हैं और उनकी सांसदी पर भी खतरा है। दरअसल, राज्यसभा के नियम 72 के उप नियम 2 के तहत किसी भी सांसद की मर्जी के बगैर सेलेक्ट कमेटी में उसका नाम नहीं दिया जा सकता। हालांकि, इसके लिए संबंधित सांसद का दस्तखत लेने जैसी कोई बात नियमावली में नहीं लिखी है। फिर भी 6 सांसदों ने राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। जिस पर गृहमंत्री अमित शाह ने जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है। अब सबकी नजर इस पर है कि राघव चड्ढा नोटिस का क्या जवाब देते हैं और कमेटी किस तरह की कार्रवाई की सिफारिश करती है। जानकारों के मुताबिक अगर राघव चड्ढा पर फर्जीवाड़े का आरोप साबित हो जाता है, तो उनकी संसद सदस्यता भी जा सकती है।