आज हमारे समाज में प्यार की कहानी के नए-नए पहलू देखने को मिल रहे हैं, एक तरफ है ज्योती मौर्या और आलोक मौर्य का मामला तो दूसरी तरफ प्यार को मिशाल देता सरहद पार कर आई सीमा हैदर और सचिन का मामला। लेकिन इस बीच एक और ऐसा मामला सामने आया है जिसने सबको हैरान कर रख दिया है वो मामला क्या है इसके बारे में हम चर्चा तो करेंगे लेकिन उससे पहले आपको उस ओर ले चलते हैं जिसके लिए एक वक्त महिलाएं परेशान रहती थी। वो दौर याद करिए जब महिलाओं को चार दिवारियों के अंदर रखा जाता था, शोषण भी सहना पड़ता था और अत्याचार भी लेकिन एक वक्त जब ऐसा आया की महिलाओं को उस अंधेरे से रोशनि में लाने के लिए यानी उनको पढ़ने और नौकरी करने की आजादी देने के लिए पूरा देश एक साथ एक लड़ाई लड़ा था।
अब ये लड़ाई तो खत्म हो गई और वो दौर भी चला गया जब पति अपनी पत्नी को चार दिवारों में कैद रखते थे। आज समाज में लोग चाहते हैं कि पत्नी भी नौकरी करें और पति भी साथ में मिल-जुलकर अपने सपनों को पूरा करें। वहीं आज जब पति के पास पैसे नहीं होते तो खेत बेचकर या खुद की खव्वहिशों को नजरअंदाज कर अपनी पत्नी को पढ़ाता है, समाज के ताने भी झेलता है पर बीवी के कदमों को आगे बढ़ने से नहीं रोकता है, खुद भले ही हार जाए पर अपनी पत्नी के लिए ढाल बनकर खड़ा रहता है।
जहां एक तरफ आलोक मौर्य हैं तो दूसरी तरफ हाल ही में आया हुआ ये मामला है जिस शक्स को आप रोता, बिलखता देख रहे हैं
वो कामता प्रसाद है, जिसने अपनी पत्नी को बीएड, पीएचडी कराकर लेक्चरर बनाया और पति को अंजाम में प्यार नहीं दिया बल्कि टांगे तोड़ दी।
जानिए आखिर पुरा मामला क्या है-
ये मामला दरअसल बांदा के कोतवाली इलाके का है. जहां थाना बिसंडा के पल्हरी पुरवा का रहने वाले कामता प्रसाद ने रोते- बिलखते बताया ‘मैंने अपनी पत्नी को बीएड, पीएचडी कराकर लेक्चरर बनाया, अब वो मेरी नही सुनती, कुछ कहता हूं लड़ाई करती है. मामूली बात पर अपने भाइयों को बुलाकर पिटाई करवा दी.’ उसने रोते हुए पत्नी से प्रताड़ना की आपबीती सुनाई है. उसने कहा कि ‘मैं घर गया था, पत्नी से पूछा कि तुमने भतीजे को खाना दिया है या नहीं…बस इतने में पत्नी नाराज हो गयी और साले संग मिलकर गालियां देने लगे, मारपीट करने लगे. दोनों ने मिलकर मार मारकर मेरा पैर तोड़ दिया.’ उसने रोते हुए बताया कि, ‘मैंने बीएड M एड और पीएचडी सब कुछ कराया, सिर्फ बच्चो को आगे बढ़ाने के लिए मैंने पत्नी को पढ़ाया है और आज मेरी यह दशा हो रही है. मैं अपनी पीड़ा किस्से बताऊँ? मेरी पत्नी GIC में लेक्चरार है। यदि सुनती होती तो मेरा पैर तुड़वा देती. मैंने पुलिस को सूचना दी तो यहीं लोग अस्पताल लेकर आये हैं।
इतना ही नहीं कामता प्रसाद के शब्दों से वो दर्द साफ-साफ झलकर रहा है, होंथ कप-कपा रहें है, उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मेरा कर्तव्य था कि मैंने उसकी मदद की, पढ़ाया लिखाया उसको लेक्चरर बनाया, अब पत्नी मुझे ताना मारती है। कहती है तुम किसी काम के लायक नही हो, कुछ नही करते हो. तुम इस घर मे नही रह सकते. तुम बच्चो के साथ नही रह सकते। बताइये इसलिये पढ़ाया लिखाया हूँ।
कामता प्रसाद की पत्नी के भाईयों का बयान
वहीं पीड़ित कामता प्रसाद की पत्नी की बात करें तो उनके भाईयों का कहना है कि ” आये दिन शराब पीकर हंगामा करते हैं, गलत तरीके से बोलते हैं, जिस कारण कहासुनी हुई है, ये शराब के नशे में थे, हम इन्हें समझाने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन ये मानते ही नही, इसी वजह से गांव छोड़कर नौकरी के लिए शहर में रहने आये, ये अपने आदत नही बदलते हैं”। पुलिस ने भी शराब पीकर उपद्रव करने की बात बतायी है।
परिजनों से भी हुई बात
इस मामले में जिला अस्पताल के प्रभारी CMS डॉक्टर विनीत सचान ने बताया कि, ‘एक कामता नाम के व्यक्ति को पुलिस लेकर आई थी, जो पल्हरी गांव थाना बिसंडा का रहने वाला है, इसकी पत्नी ने इसको मारा है. भर्ती किया गया था, उसकी हालत बिगड़ने पर उसे रेफर कर दिया गया.’ वहीं पुलिस का इस मामले में कहना है कि जांच की जा रही है, परिजनों से बात हुई है, कोई एक दूसरे पर कार्रवाही नही चाहते, यदि शिकायत मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन आज जिस तरह के ये मामले सामने आ रहे हैं ये देश में बुरी छाप छोड़ रहे हैं, इसका असर तो अब दिखने लग गया है, आपको याद होगा ज्योती मौर्य का मामला सामने आने के बाद प्रयागराज में तैयारी कर रही महिलाओं के पतीयों मे अपनी-अपनी पत्नी को वापस घर बुला लिया था। इतना ही नहीं की जगह तो ये असर भी देखने को मिलने लगा है कि अब शादी के लिए लड़कि चाहिए तो बिना नौकरी वाली या तो पैसे कम कमाने वाली।