बीबीसी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी और 2002 दंगो पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री का विरोध करने से के एक दिन बाद ही कांग्रेस नेता अनिस के एंटनी ने इस्तीफा दे दिया है। डॉक्यूमेंट्री विवाद पर अनिल ने सरकार के समर्थन में ट्वीट किया था। बुधवार को उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफे का ऐलान कर दिया और साथ ही ये भी लिखा कि उन पर लगातार सरकार के समर्थन में किए गए ट्वीट को वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।
ट्वीट में अनिल ने शशि थरूर, केरल के कांग्रेस वर्करों समेत अन्य नेताओं का धन्यवाद करते हुए ये भी लिखा है कि- मुझ पर ट्वीट वापस लेने का दबाव करने वाले लोग वे थे जो अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन की बात करते हैं, लेकिन मैंने कर दिया, बता दें कि केरल के वायनाड मे राहुल गांधी को जितने के पीछे अनिल एंटनी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। अनिल एक सफल बिजनेसमैन भी हैं।
कौन है अनिल एंटनी
अनिल एंटनी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके के पुत्र हैं, वर्तमान में वह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की डिजिटल मीडिया और एआईसीसी की सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशन सेल में कन्वीनर थे। इससे पहले अनिल कांग्रेस की केरल इकाई में डिजिटल संचार प्रमुख भी रह चुकें है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का डिजिटल वॉर रूम तैयार करने और राहुल गांधी के लिए वायनाड संसदीय क्षेत्र का सोशल मीडिया हैंडल संभालने, डिजिटल कैंपेनिंग प्लान करने वाले वही थे।
गणतंत्र दिवस पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की घोषणा
एक तरफ जहां भाजपा को इस विवादित डॉक्यूमेंट्री पर कांग्रेस नेता का साथ मिला है, वहीं केरल कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शिहाबुद्दीन करयात ने एक बयान में कहा कि देश में प्रतिबंध के मद्देनजर गणतंत्र दिवस पर पार्टी के जिला मुख्यालयों में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जाएगी।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से संबंधित लिंक या पोस्ट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। इस डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की जांच करने का दावा किया गया है। हालांकि, भारत सरकार ने इसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताया है। भारत ने कहा है कि इस डॉक्यमेंट्री में निष्पक्षता की कमी है और यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। वहीं, केंद्र सरकार के इस कदम को कांग्रेस और टीएमसी जैसे विपक्षी दलों से तीखी आलोचना मिली है।