Lakhimpur Violence Case: उत्तरप्रदेश के लखीमपुर हिंसा मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में हुई हिंसा मामले में आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट में इससे पहले इस मामले में 15 जुलाई को सुनवाई हुई थी, तब अदालत ने इस मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। आशीष मिश्रा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि, रिकॉर्ड पर उपलब्ध तथ्यों को देखते हुए आशीष मिश्र को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता है। यह निर्णय न्यायमूर्ति कृष्ण पहल की एकल पीठ ने आशीष मिश्र की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया है।
आपको बता दें कि, लखीमपुर खीरी हिंसा केस के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 3 अक्टूबर, 2021 को किसानों को गाड़ी से कुचलकर मार डालने के आरोप में अरेस्ट किया गया था।
इस घटना में चार किसानों सहित कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी। जांच टीम ने सीजेएम अदालत में मामले की जांच पूरी करते हुए 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।
जाने क्या था मामला
दरअसल, मामला पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के गांव में कार्यक्रम में शिरकत होने के दौरान का है। इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के गांव में एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मृत्यु हो गई थी।
इस मामले में मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ का पुत्र आशीष मुख्य आरोपी है।