प्रयागराज में इस वक्त अतीक अशरफ के हत्याकांड का मामला गरमाया हुआ है। बता दें कि अतीक और अशरफ की हत्या के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही योगी के सारे कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। वहीं यूपी के 75 जिलों में अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। ताकि किसी भी तरह का कोई दंगा फसाद न हो। इतना ही नहीं, विपक्षी दलों के कई नेता नजरबंद हैं और पार्टी के मुख्यालयों के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। सीएम ने इस मामले में न्यायिक जांच का एलान किया है।
एक बयान में कहा गया – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज की घटना का संज्ञान लिया। अब प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, प्रयागराज में कमान संभालेंगे। इसी के साथ उन्होंने 75 जिले के डीएम और एसपी को निर्देश देते हुए कहा है कि शहर में निगरानी बनाएं रखें और कहीं भी भीड़ लगाना और फालतू इकट्ठा होने पर प्रतिबंधित कर दिया गया है।
बता दें कि इस घटना के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जा रहे हैं। शहर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में हाई अलर्ट कर दिया गया है किसी को भी घर से निकलने की इजाजत नहीं है।
राज्य सरकार पर उठे सवाल
अब ऐसे में विपक्षी पार्टीया राज्य सरकार और पुलिस पर सवाल उठा रही हैं। चंद्रशेखर आजाद ने दिया ये बयान आज समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ‘यह पुलिस की कार्यशैली पर सवाल पर नहीं बल्कि यह पुलिस को निर्देश हैं उसकी वजह से हुआ है। चुनावी फायदा उठाने के लिए हमेशा से मुख्यमंत्री का व्यवहार रहा है। शहीदों ने इस दिन के लिए देश आजाद नहीं करवाया था कि सरकारें गोली से फैसला करें।’
इतना ही नहीं मायावती ने भी सवाल खड़े किए उन्होंने कहा -. गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या, उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है।
थाने से 3 किलोमीटर दूर हुई फायरिंग
अतीक अदमद और भाई अशरफ पर शनिवार ,15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के पास हमलावरों ने गोलीबारी की। इस वारदात में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई । पुलिस की मौजूदगी के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग हुई, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस को गोलियों से छलनी अहमद और अशरफ को घटनास्थल से ले जाते हुए देखा गया।