बाहुबली बृजेश सिंह 14 साल से उसरी चट्टी हत्याकांड के मामले में जेल में बंद थे। लेकिन अब उन्हें राहत देते हुए जमानत दे दी गई है। इलहाबाद हाईकोर्ट के जज अरविंद कुमार मिश्रा ने याचिका पर फैसला सुनाते हुए आरोपी को जमानत दी है।
वहीं बृजेश सिंह के वकील सुरज सिंह ने कहा कि बृजेश पर केवल तीन केस में ट्रायल चल रहा है। उन्हें दो केस में पहले ही जमानत मिल चुकी है। फिलहाल बृजेश वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद थे।
दरअसल 15 जुलाई 2001 में मऊ सदर के तत्कालीन विधायक मुख्तार अंसारी अपने विधानसभा क्षेत्र में जा रहे थे। इस दौरान 12:30 बजे गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में इलाके के उसरी चट्टी में काफिले पर जानलेवा हमला किया गया।
मुख्तार के गनर सहित 3 की मौत
जानकारी के मुताबित इस हमले में मुख्तार अंसारी के गनर सहित 3 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 9 लोगों के घायल होने की बात सामने आई थी। इसके बाद मुख्तार ने बृजेश और त्रिभुवन सहित 15 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज करवाया था। जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट में 4 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जिनमें से दो की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी।
बृजेश सिंह चौबेपुर थाना के धौरहरा गांव में रहता था। आपको बता दें बृजेश के पिता रवींद्र नाथ सिंह की हत्या जमीन विवाद की रंजिश में 27 अगस्त 1984 को की गई थी। पिता की हत्या का बदला लेने के लिए बृजेश सिंह ने घर छोड़ दिया था। इससे पहले बृजेश सिंह का नाम 28 मई 1985 को धौरहरा के हरिहर सिंह की हत्या में आया था।
बृजेश सिंह पर दर्ज हैं 41 मुकदमे
इसे लेकर बृजेश के खिलाफ चौबेपुर थाने में केस दर्ज हुआ था। इसके बाद यूपी, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के अलग-अलग थानों में बृजेश के खिलाफ 41 मुकदमे दर्ज हुए। साल 2016 के MLC चुनाव में दिए गए शपथ पत्र के अनुसार बृजेश सिंह ने अपने खिलाफ 11 मुकदमे बताए थे। लगभग 23 साल बाद 24 फरवरी 2008 को बृजेश सिंह को ओडिशा के भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया था।
हालांकि बृजेश का परिवार वाराणसी और चंदौली में अपने सियासी रसूख के लिए पहचान रखता है। आपको बता दें बृजेश बड़े भाई उदयनाथ सिंह को जिला पंचायत चुनाव की राजनीति का चाणक्य कहा जाता था। दरअसल वाराणसी सीट से उदयनाथ सिंह दो बार MLC रहे हैं। तो वहीं बृजेश की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह भी वाराणसी सीट से दूसरी बार MLC चुनी गई हैं।
2016 में वाराणसी सीट से MLC चुने गए बृजेश
बृजेश भी जेल में रहते हुए 2016 में वाराणसी सीट से MLC चुना गया था। उनके भतीजे सुशील सिंह चौथी बार विधायक चुने गए हैं। बृजेश के एक अन्य भतीजे सुजीत सिंह उर्फ डॉक्टर वाराणसी के जिला पंचायत अध्यक्ष रहे हैं।
लेकिन बृजेश के जेल से बाहर आते ही पूर्वांचल में गैंगवार की आशंका भी जताई जा रही है। माफिया मुख्तार अंसारी के अलावा बृजेश सिंह का एक और बड़ा दुश्मन है इंद्रदेव सिंह उर्फ बीकेडी है। पुलिस 2013 से बीकेडी की तलाश से कर रही है। मौजूदा समय में उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित है। जिस हरिहर सिंह की हत्या का आरोप बृजेश सिंह पर है। वह बीकेडी के पिता थे। इसलिए बृजेश के बाहर आते ही पुलिस की टेंशन भी बढ़ सकती है।
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