Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
श्रीलंका बनने की राह पर बांग्लादेश, मदद के लिए IMF से लगाई गुहार

श्रीलंका बनने की राह पर बांग्लादेश, मदद के लिए IMF से लगाई गुहार

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। बांग्लादेश के वित्त मंत्री ने IMF से से 4.5 अरब डॉलर का कर्ज मांगा है। कुछ समय पहले IMF ने कहा था कि उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाला देश बांग्लादेश जीडीपी के मामले भारत को पीछे छोड़ देगा। लेकिन वर्तमान हालात बता रहे हैं कि कैसे बांग्लादेश किस कदर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इसे वहां के हालातों से समझा जा सकता है। आपको बताते चले कि तेल के आयात को घटाने के लिए बांग्लादेश में डीजल से चलने वाले पावर प्लांट को बंद कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं, यहां के केंद्रीय बैंक के खजाने में डॉलर की इतनी कमी हो गई है कि कई तरह के सामानों का आयात करने पर भी रोक लगा दिया गया है।

बांग्लादेश के सेंट्रल बैंक की रिपोर्ट बताती है कि कैसे देश में आयात बढ़ा और निर्यात घटा है और इसका सीधा असर यहां के खजाने पर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई, 2021 से लेकर मई 2022 के बीच 81.5 अरब डॉलर का आयात किया गया है। इसकी तुलना पिछले साल से की जाए तो आयात में 39 फीसदी की बढ़त देखी गई है।

इसका असर यह हुआ है कि बांग्लादेश ने दूसरे देश से सामान मंगाने में ज्यादा पैसा खर्च किया और अपने सामान का निर्यात कम किया। इस तरह उसे घाटा हुआ। अर्थशास्त्र की भाषा में इसे चालू घाटा कहते हैं। पिछले कुछ समय से यहां ऐसा ही हो रहा है।

बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खाली हो रहा है, जिसकी कई वजह बताई गई हैं। जैसे विदेशों में काम करने वाले बांग्लादेशियों की आय गिर रही है, आयात बढ़ रहा है और निर्यात घट रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार पर नजर डाली तो पिछले साल जुलाई तक यह 45 अरब डॉलर था। 20 जुलाई, 2022 को यह घटकर 39 डॉलर ही बचा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में वर्तमान में इतना ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है कि केवल 5 महीने तक ही सामानों का आयात किया जा सकता है। अगर दुनियाभर में सामानों की कीमतें बढ़ाई जाती हैं तो बांग्लादेश पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। ऐसे में ये मुद्रा भंडार 5 महीने से पहले भी खाली हो सकता है। हालात बिगड़ने की आशंका इसलिए भी जाहिर की गई है क्योंकि रूस और यूक्रेन की जंग का असर दुनियाभर में तेल की कीमतों की वृद्धि के रूप में पहले ही देखा जा रहा है। इसके कारण सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहे जाने वाले अमेरिका तक में मंदी का खतरा जताया गया है। ऐसे में बांग्लादेश के लिए चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं।

Exit mobile version