राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) के नदबई (Nadbai) में शुरु हुए मूर्ती विवाद(Statue controversy) ने अब तुल पकड़ लिया है। दरअसल बुधवार देर रात महाराजा सूरजमल और डॉ. भीमवराव अंबेडकर (Dr. Bhimvrao Ambedkar) की मूर्ति को लेकर देर रात विवाद इतना बढ़ गया कि ग्रामीणों ने बैलारा चौराहे (Ballara Square) पर आग लगा दी। इस दौरान जमकर पथराव हुआ। वहीं हालात काबू करने पहुंची पुलिस पर भी लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके चलते पुलिस को भी आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इलाके में बड़ी पुलिस बल तैनात किया गया है।
कैसे शुरु हुआ मूर्ती विवाद
बता दें कि नदबई नगर पालिका इलाके के तीन चौराहों पर मूर्तियां लगा रही थी। इस कड़ी में संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी ने तय किया कि कुम्हेर चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगेगी, नगर चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति और बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की मूर्ति लगाई जाएगी। वहीं ग्रामीणों की मांग थी कि इलाके का मुख्य चौराहा बैलारा है, तो वहां पर महाराजा सूरजमल की प्रतिमा लगाई जाए।
विवाद ने पकड़ी आग
जिसे लेकर 8 अप्रैल से य विवाद शुरू हुआ था। धरना खत्म करवाने के लिए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा था कि आप जो चाहते हैं, वही होगा। आप धरना खत्म कीजिए। लेकिन जब इस मुद्दे पर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, तो मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर और डेहरा मोड़ चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाए। उनके इस बयान के बाद विरोध शुरू हो गया।