दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक नवजात बच्ची करीब ढाई घंटे एक डिब्बे में बंद रही। दरअसल रविवार को अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी हुई, जिसने एक बच्ची को जन्म दिया। जन्म के बाद डॉक्टरों ने बच्ची को मृत बताया और डिब्बे में पैक कर परिजन को सौंप दिया। लेकिन जब परिजनों ने घर आकर डिब्बा खोला तो बच्ची जिंदा थी।
बच्ची को दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे परिजन
इसके बाद परिजन बच्ची को दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे और डॉक्टरों को नवजात के हिलने-डुलने की जानकारी दी। लेकिन डॉक्टरों ने बच्ची को देखने से भी मना कर दिया। इसके बाद परिजन ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। मामले की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची तब जाकर अस्पताल ने बच्ची को दोबारा भर्ती किया। फिलहाल बच्ची ठीक है और डॉक्टरों की निगरानी में है।
वहीं परिजन ने डॉक्टरों पर बच्ची की हत्या का प्रयास का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पहले अस्पताल ने लापरवाही कर बच्ची को मृत बताया। फिर उसे डिब्बे में बंद कर दिया। जिसके चलते बच्ची करीब ढाई घंटे तक डिब्बे में बंद रही। इससे बच्ची का दम घुटकर उसकी जान जा सकती थी।
जन्म के बाद नहीं थी बच्ची में कोई मूवमेंट
वहीं अस्पताल के MD सुरेश कुमार का कहना है कि रविवार को एक प्री-टर्म डिलीवरी हुई थी। उस वक्त बच्ची में कोई मूवमेंट नहीं था। बाद में बच्ची में मूवमेंट की जानकारी मिली। जिसके बाद उसे एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स की टीम निगरानी में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा है। साथ ही मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। 24 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट मिल जाएगी। अभी पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
इस पूरी घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें देखा जा सकता है कि बच्ची एक ऐसे डिब्बे में बंद है जिसे टेप लगाकर सील किया गया है। परिवार के लोग डिब्बा खोलकर देखते हैं। तब बच्ची हाथ-पैर चलाती नजर आती है। जिसे देखकर लग रहा है कि वह स्वस्थ है।