जिन घरों को प्यार से बनाया..अपने हाथों से सजाया..अब जान बचाने के लिए उन घरों को ही उजाड़ने की नौबत आ गई..दरअसल नवगछिया के जहांगीरपुरी बैसी गांव में भारी बारिश के कारण कोसी नदी उफान पर है..
कोसी नदी खतरे के निशान से ऊपर
कोसी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है..कभी भी बाढ़ आ सकती है..इस गांव में कोसी का कहर बरस रहा है..तेजी गति से भूमि कटाव हो रहा है..जिसके कारण देखते ही देखते सैकड़ों टन मिट्टी जलविलिन हो गई..कई घर पानी में बह गए और कई घर कटाव के कारण किनारे पर लटक गए हैं..जो कभी भी नदी में विलिन सकते है..
बाढ़ में मेरा घर भी कट गया
इस दौरान एक महिला ने रोते हुए बताया कि भागलपुर के नवगछिया में कई घर कोसी नदी में डूब गए है..बाढ़ में मेरा घर भी कट गया है..हम कोई सामान भी नहीं निकाल पाए..हमारे पास खाने के लिए भी कुछ नहीं है.
हमने बहुत मेहनत से कर्ज लेकर एवं चंदा इकट्ठा करके मजदूरी करके घर बनाया था”..हम लोग बर्बाद हो गए..भूखे प्यासे हैं..मरने को मजबूर हैं.. सरकार खाना, घर, मुआवजा दे. और सुरक्षित जगहों पर ले जाए..
ईटों सहित सुरक्षित स्थानों पर जा रहे लोग
लोग जान बचाने के लिए घरों को तोड़कर ईटों सहित सुरक्षित स्थानों पर जा रहे है..ताकि जब हालात समान्य हो तो वापस आ कर इन्हीं ईटों को जोड़कर फिर से अपना घर बना सकें..
वहीं गांव सरपंच अब्दुल गफ्फार ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है यही हालात पिछले कई दिनों से बने हुए है..ग्रामीण भयभीत है..गांव के लोग भूखे प्यासे मर रहे है..घरों के साथ उनका खाने का सामन भी नदी में बह गया है..
प्रशासन से नहीं मिली मदद
प्रशासन की तरफ से भी कोई मदद नहीं दी जा रही है..कई जगह शिकायत भी की लेकिन हमारी नहीं सुनी गई..हम अल्लाह के भरोसे है..
लोगों का कहना है कि सरकार की लापरवाही के कारण हम लोग हथौड़ा लेकर अपना आशियाना ऊजाड़ रहे हैं..गांव के लोग ट्रैक्टर, ट्रॉली में घरों का ईट अन्य सामान लेकर दूसरे जगहों पर पलायन करने पर मजबूर हैं..
छोटे-छोटे बच्चे भी अपने घर का ईंटा तोड़कर साईकिल पर लादकर ले जा रहे हैं…अभी तक गांव में ना तो बाढ़ राहत केंद्र नहीं बनाया गया है और न ही सामुदायिक किचन की शुरुआत पीड़ितों के लिए की गई है..