उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में भाजपा ने जहां अपना परचम लहराया है तो वहीं विपक्ष को करारी शिकस्त मिली है। मेयर चुनाव में तो विपक्ष का सपूड़ा साफ हो गया है। इस जीत से बीजेपी काफी खुश नजर आ रही हैं। वहीं विपक्षी नेताओं ने राज्य सरकार पर धांधली के आरोप लगाए हैं। बसपा सुप्रीमों मायावती ने तो साफ कहा कि सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर यह चुनाव जीता गया है और उनकी पार्टी इस पर चुप नहीं बैठेगी।
मायावती ने लगाया सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आरोप
मायावती ने ट्वीट कर कहा, “यूपी निकाय चुनाव में भाजपा के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हखकण्डो के इस्तेमाल के साथ ही साथ इनके द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बीएसपी चुप होकर बैठने वाली नही है, बल्कि वक्त आने पर इसका जवाब बीजेपी को जरुर मिलेगा। साथ ही तमाम विपरीत हालात का सामना करते हुए बीएसपी पर भरोसा करके पार्टी उम्मीदवारों को वोट करने के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया। अगर यह चुनाव भी फ्री एण्ड फेयर होता तो तस्वीर कुछ और होती। बैलेट पेपर से चुनाव होने रक बीएसपी मेयर चुनाव भी जरूर जीतती।
मायावती ने कहा कि वैसे चाहे भाजपा हो या सपा दोनों ही पार्टियां सत्ता का दुरुपयोग करके ऐसे चुनाव जीतने में एक-दूसरे से कम नहीं हैं, जिस करण सत्ताधारी पार्टी ही धांधली से अधिकतर सीट जीत जाती है और इस बार भी इस चुनाव में ऐसा ही हुआ और यह अती-चिन्तनीय है।
जानिए कैसा रहा नगर निगम का परिणाम
नगर निगम में बीजेपी मे सभी 17 मेयर के पद अपने कब्जे में किए। वहीं नगर पालिका के 199 सीटों में से बीजेपी के खाते में 94 सीटें गई हैं, जबकि सपा को 39, बसपा को 16 , कांग्रेस 4 तथा अन्य के खाते में 46 सीटें गई। नगर पंचायत की 554 सीटों में बीजेपी के खाते में 196, सपा के खाते में 91, कांग्रेस के खाते में 14, बसपा के खाते में 38 तथा अन्य के खाते में 205 सीटें आई।
दो चरणों में हुआ था चुनाव
यूपी में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत की सीटें है। पहले फेज में 9 मंडलों के 37 जिलों में 10 नगर निगम, 820 पार्षद, 103 नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, 2740 नगर पालिका परिषद सदस्य, 275 नगर पंचायत अध्यक्ष और 3745 नगर पंचायत सदस्यों के लिए चुनाव हुए थे। वहीं, दूसरे चरण में 9 मंडल के 38 जिलों की 7 नगर निगम, 95 नगर पालिका, 267 नगर पंचायत पद और पार्षद सीटों पर चुनाव हुए थे।