आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की मुश्किले दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। शराब घोटाले के बाद अब CBI ने जासूसी कांड में सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज किया है। सीबीआई ने फीडबैक यूनित मामले में मनीष सिसोदिया पर केस दर्ज किया है। आप के पूर्व नेता पर आरोप है कि साल 2016 में इन्होंने एक फीडबैक यूनिट तैयार की थी। इस यूनिट में कई लोगों की जासूसी की गई। आरोप यह भी है कि इस यूनिट में भर्ती के लिए केंद्र सरकार से परमिशन नहीं ली गई थी।
बता दें कि सीबीआई ने अपने एफआईआर में मनीष सिसोदिया के अलावा पांच अन्य लोगों के नामों का भी जिक्र किया है। इनमें आईआरएस अधिकारी सुकेश कुमार जैन भी शामिल हैं। सुकेश जैन उस समय दिल्ली सरकार में विजिलेंस सचिव थे। इसके अलावा सीआईएसएफ के रिटायर्ड डीआईजी राकेश कुमार सिन्हा का नाम भी शामिल है। राकेश कुमार सिन्हा को फीडबैक यूनिट को दिल्ली के सीएम का खास लहाहकार और फीडबैक यूनिट का संयुक्त निदेशक बनाया गया था।
सीबीआई को दी गई थी मंजूरी
वही बीती 8 फरवरी को सीबीआई फीडबैक यूनिट के कथित जासूसी मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से आप नेता के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय जांच एजेंसी को सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। इसके बाद से ही मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की आशंका जताई जा रही थी।
जानिए क्या है मामला?
दिल्ली में आप के सत्ता में आने के बाद इस विभाग के तहत फीडबैक यूनिट बनाई गई थी. इस यूनिट पर जासूसी कराने का आरोप है. सीबीआई के मुताबिक, एफबीयू ने 1 फरवरी, 2016 को 17 कॉन्ट्रैंक्ट कर्मियों के साथ काम करना शुरू किया था. इनमें अधिकांश खुफिया ब्यूरो और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त अधिकारी थे. यूनिट का उद्देश्य कथित रूप से विभिन्न मंत्रालयों, विपक्षी राजनीतिक दलों, संस्थाओं और व्यक्तियों की जासूसी करना था और इसकी कोई विधायी या न्यायिक निगरानी नहीं थी.