केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को बंद कर दिया है। वहीं इसे लेकर निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। तो वहीं केंद्र सरकार के इस फैसला का विरोध करते हुए AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे धर्म से जोड़ा दिया है। बता दें कि अभी तक मदरसों में 1 से 5 तक के बच्चों को 1000 रुपए छात्रवृत्ति दी जाती थी। जबकि कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को उनके कोर्स के हिसाब से छात्रवृत्ति मिलती थी।
9वीं-10वीं के छात्रों को मिलेगी छात्रवृत्ति
लेकिन केंद्र सरकार का कहना कि मदरसों में शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई मुफ्त है। इसके साथ ही छात्रों को अन्य जरूरी वस्तुएं जैसे मिड डे मील और किताबें भी फ्री दी जाती हैं। इसलिए में सरकार ने छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला लिया है। हालांकि 9वीं और 10वीं के छात्रों को छात्रवृत्ति पहले की तरह ही मिलेगी।
‘मुस्लिम बच्चों को तालीम से अलग कर रही केंद्र’
केंद्र सरकार के इस फैसले असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया है। ओवैसी ने गुजरात में चुनाव प्रचार करते हुए कहा कि राज्य में मुस्लिम बस्तियों में स्कूल नहीं है। तो वहीं सरकार ने देश के मुस्लिम बच्चे-बच्चियों के हक को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मुस्लिम बच्चों को तालीम से अलग कर दिया है। ओवैसी ने कहा कि मुझे दुख से कहना पड़ रहा है कि पहले जो कक्षा 1-8 तक छात्रवृत्ति मिलती थी वह इस साल नहीं मिलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे बंद कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल राज्य के 16558 मदरसों में 4 से 5 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति दी गई थी। इस बार भी मदरसों के बच्चों ने नवंबर में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन दिया था। लेकिन केंद्र सरकार ने अचानक छात्रवृत्ति बंद करने का फैसला सुना दिया। हालांकि राज्य सरकार ने पहले ही छात्रवृत्ति बंद कर दिया था।
8496 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त
दरअसल योगी सरकार ने यूपी में हाल ही में मदरसों के सर्वे कराए थे। इस दौरान 8496 मदरसे गैर मान्यता पाए गए। सर्वे में मदरसों के आय का स्रोत जकात यानी दान बताया गया है। जिसके बाद यूपी सरकार ने मदरसों के आय के स्रोत की जांच करवाने का फैसला लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार नेपाल से लगे बॉर्डर इलाकों में बड़ी संख्या में गैरमान्यता मदरसे मिले है। बता दें कि सर्वे के अनुसार नेपाल से लगे बॉर्डर इलाके सिद्धार्थनगर में 500, बहराइच, लखीमपुर में 200 और श्रावस्ती में 400 , बलरामपुर में 400, महाराजगंज में भी 60 से ज्यादा मदरसे गैरमान्यता प्राप्त है। इन मदरसों में कोलकाता, हैदराबाद, सऊदी चेन्नई, मुंबई, दिल्ली और नेपाल से जकात या दान मिलता है। इसलिए अब इनके आय के स्रोत की जांच की जाएगी।